नई दिल्ली। देश भर में कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति के मद्देनजर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स, अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन और अन्य संगठनों ने फसल कटाई और उसके परिवहन को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में शामिल करने की मांग की है। इन संगठनों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा है कि देश के गांवों, कस्बों और कई हिस्सों में गेहूं, धान, मिर्च, दाल आदि खड़ी फसलें कटाई के लिए तैयार हैं लेकिन तालाबंदी और प्रतिबंधों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जिसकी वजह से फसलों की कटाई, परिवहन और विपणन पर अंकुश लगा हुआ है।
हम खेत मजदूरों की मदद के लिए मनरेगा के तहत बेरोजगारी मजदूरी खंड का इस्तेमाल किए जाने की मांग करते हैं। साथ ही खेत मजदूरों के लिए काम और आय सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा के तहत कटाई और परिवहन कार्य को शामिल किया जाने की भी मांग करते हैं। रोजगार गारंटी अधिनियम को शहरी क्षेत्रों में भी बढ़ाया जाए। किसान एवं खेत मजदूरों की रक्षा करे और देश की खाद्य सुरक्षा को बचाने के लिए खड़ी फसलों को संरक्षित करना होगा।
शहरों में बड़ी संख्या में गरीब, प्रवासी मजदूर, बेसहारा लोग फंसे हुए हैं,जिनके पास भोजन की भी उपलब्धता नहीं है। सीटू, किसान सभा और खेत मजदूर यूनियन अपनी सभी इकाइयों से जरूरतमंदों की पहचान करने और इस दिशा में तत्काल कदम उठाने का आहृान करते हैं। स्वयंसेवकों को ऑनलाइन या गांव स्तर पर संपर्क स्थापित कर पंजीकृत किया जाएगा। जिला, राज्य और अखिल भारतीय केंद्रों के लिये सभी स्तरों पर एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष गतिविधियों का समन्वय और सूचना का प्रसार करेगा।