नई दिल्ली। इन दिनों दुनियाभर में लोग कोरोना वायरस का मार झेल रहा हैं, जो अब महामारी का रूप ले चुका हैं और धीरे धीरे विश्वभर में पैर पसार रहा हैं। वहीं इस महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी देशों ने कमर कस लिया है। भारत में भी मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इसी के चलते मोदी सरकार ने बीते 25 मार्च को अगले 21 दिनों तक देशभर में लॉकडाउन का आदेश दिया है, ताकि कोरोना वायरस का चेन आसानी से तोड़ा जा सके और इस महामारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
वहीं लॉकडाउन के दूसरे दिन मोदी सरकार ने जनहित में बड़ा ऐलान करते हुए 8 करोड़ 70 लाख किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में 2000 रुपये की किस्त देने का दावा किया। वित्त राजमंत्री अनुराग ठाकुर ने कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अपना अविस्मरणीय सहयोग देने वाले 20 लाख कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज देने का ऐलान किया। इसके तहत आशा वर्कर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियंस व डॉक्टर्स के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ का राहत पैकेज देने का दावा किया।
कोविड-19 का कहर पूरी दुनिया पर है जिसके चलते भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन में गरीब जनता को प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत 5 रुपये प्रतिकिलो गेंहू व 1 रुपये प्रतिकिलो चावल 3 महीने तक देने का वादा वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने किया। कोरोना वायरस से संबंधित हर प्रकार की सहायता के लिए लगभग सभी राज्यों में कोरोना हेल्पलाइन सेवा शुरू की गई है।
पुलिसकर्मी कभी तो लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती बरत रहे हैं और कभी तो जरूरतमंदों के लिए भगवान बनकर खाना व जरूरी सुविधा देने को आगे आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी के लिए प्रार्थना मांगी व उनके काम के लिए सराहा। साथ ही अपने मंगलवार वाली घोषणा में मोदी ने स्वास्थ्य विभाग को अपनी सुविधाएं और बेहतर बनाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया।