नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खतरे ने दुनिया में सबसे विकसित और संपन्न देशों की भी पोल खोल कर रख दी है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशवासियों से आग्रह किया है कि सिर्फ फैशन के लिए या फिर अपना शक खत्म कर विश्वास बढ़ाने के लिए संक्रमण की जांच न कराएं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि यह समझना बेहद अहम है कि टेस्टिंग तय प्रोटोकॉल के तहत ही होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में अभी 111 लैब काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि देश में शनिवार को 65 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 283 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 1,000 स्थानों पर गहन देखभाल प्रबंधन पर प्रशिक्षण आयोजित किए। मंत्रालय ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपात प्रतिक्रिया के लिए 22 मार्च को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल होगी।
लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस जांच के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किए गए हैं। सीधे संपर्क में आने या ज्यादा जोखिम वाले लोगों के संपर्क में आने के 5 से 14 दिनों के बीच जांच की जानी चाहिए।
लव अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार ने मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू जैसे अन्य राष्ट्रों के 48 लोगों के साथ 900 भारतीय नागरिकों को निकाला है। लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के 73 केस आए हैं। जिसमें से 56 भारतीय हैं और 17 विदेशी हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के 52 परीक्षण सुविधाएं देश भर में स्थित हैं। साथ ही कुल नमूना संग्रह केंद्र की संख्या 56 है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही लगभग 1 लाख परीक्षण किट उपलब्ध हैं। साथ ही अतिरिक्त परीक्षण किट पहले ही ऑर्डर किए जा चुके हैं। और उनकी प्राप्ति भी की जा रही है। लव अग्रवाल ने कहा कि हमेशा मास्क लगाने की जरूरत नहीं। अगर कोई व्यक्ति संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखता है। तो उसे मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
लव अग्रवाल ने कहा है कि हमारे पास केवल कुछ मामले हैं जो बाहर से आए हैं। जिसने मुख्य रूप से अपने करीबी परिवार के सदस्यों को प्रभावित किया है। अभी सामूदायिक हस्तांतरण का कोई मामला सामने नहीं आया है। लव अग्रवाल ने कहा है कि कोरोना वायरस के बारे में सभी तथ्यों का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है। अभी कोई कन्फर्म स्टडी सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि वायरस को गर्म तापमान में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।