नई दिल्ली। स्वदेशी साख निर्धारक कंपनी इक्रा ने भारतीय विमानन क्षेत्र का परिदृश्य ‘ऋणात्मक’ बनाये रखा है तथा कहा है कि चीन तथा अन्य देशों में फैले कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण इस सेक्टर की मुश्किलें और बढ़ेंगी। कंपनी ने गुरुवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि यदि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को जाने वाली सभी उड़ानें रद्द करनी पड़ती हैं तो अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर भारतीय विमान सेवा कंपनियों को यात्रियों की संख्या में 19 से 24 प्रतिशत तक का नुकसान हो सकता है। हालाँकि, विमान ईंधन सस्ता होने से कंपनियों के राजस्व नुकसान के एक हिस्से की भरपाई हो जायेगी, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा। उसने घरेलू विमानन क्षेत्र का परिदृश्य ‘ऋणात्मक’ बनाये रखा है।
इक्रा ने स्प्ष्ट किया है कि उसने कोरोना वायरस के कारण चीन के कुछ हिस्सों में गतिविधियाँ ठप होने के कारण घरेलू विमानन क्षेत्र के लिए ‘ऋणात्मक’ परिदृश्य जारी किया है। उसने कहा है कि कोरोना वायरस से प्रभावित देशों को जाने वाले मार्गों पर उड़ान रद्द करने से होने वाले सीधी नुकसान के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के कारण भी विमानन क्षेत्र पर परोक्ष प्रभाव पड़ेगा।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत से चीन आने और यहाँ से चीन जाने वाले यात्रियों की संख्या देश के अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की कुल संख्या का मात्र एक प्रतिशत है, लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया के गंतव्यों को जाने और वहाँ से आने वाले यात्रियों की संख्या का अनुपात 20 प्रतिशत के आसपास है। ‘कोविड-19’ के कारण चीन के साथ ही अन्य देशों को जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। इन देशों में जापान, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड भी शामिल हैं।
इक्रा के उपाध्यक्ष किंजल शाह ने कहा कि यह भारतीय विमानन उद्योग के लिए नकारात्मक संकेत हैं जो पहले से ही दबाव में है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में दिसंबर तक देश के अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्री परिवहन में 8.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद इसमें और गिरावट की आशंका है।