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कुछ लोगों को मिलनी चाहिए शराब पीने की छूट, नियमों की हो समीक्षा: मांझी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 9 2021 2:42PM | Updated Date: Dec 9 2021 2:42PM
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पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी आजकल खूब बयान दे रहे हैं। पहले नीतीश कुमार से एक हजार करोड़ रुपए की डिमांड वाली बयान दिया और अब वो शराबबंदी पर सवाल खड़े कररहे हैं। मांझी ने कहा है-कुछ लोगों को शराबबंजी में भी शराब पीने की छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब आदमी दिन भर मजदूरी करने के बाद थकान मिटाने के लिए अगर थोड़ी सी शराब पी लेता हे तो उसे जेल भेज दिया जाता है जो सही नहीं है।

मांझी ने कहा कि गरीब एक ग्लास दूध खरीद कर पीने में सक्षम नहीं है तो वह ढाई सौ मिली लीटर शराब लेकर अपनी थकावट दूर करता था। इसके साथ ही मांझी ने कहा कि बिहार में आर्मी के लोगों को भी शराब पीने पर जेल भेज दिया जाता है जो सही नहीं है। जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार में जो मौजूदा शराब बंदी कानून है, इससे राज्य को काफी नुकशान का सामना करना पड़ रहा है। इससे बेहतर 1991 का पुराना कानून था। शराबबंदी की वजह से बिहार में होटल उद्योग पूरी तरीके से चौपट हो चुका है। टूरिज्म इंडस्ट्री का हाल बेहद बुरा है। अब गया जैसी जगह पर भी टूरिस्ट नहीं पहुंच रहे हैं। पहले यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे, अब वह कोलकाता चले जाते हैं।
 
इसके साथ ही मांझी ने कहा कि पुराने कानून में भी शराब पीकर सार्वजनिक जगह पर बवाल या हंगामा करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान था। लेकिन इस शराबबंदी कानून के दायरे में केवल गरीब लोग आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून से एक तरफ तो राजस्व का भारी नुकशान हो रहा है, दूसरी तरफ अवैध शराब के कारोबार का नेटवर्क खड़ा हो गया है। जीतन राम मांझी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकार को तत्काल शराबबंदी कानून की समीक्षा करनी चाहिए।इससे पहले जीतनराम मांझी ने कहा था कि क्षेत्र की विकास के लिए उनके बेटे संतोष मांझी के मद में 1000 करोड़ रुपए दिए जाए। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसा नहीं करते है तो वो चमक (पलट) जाएंगे क्योंकि वह गठबंधन में हैं दल में नहीं।
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