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गुलाम नबी आजाद का नई पार्टी पर कभी हां कभी ना वाला रुख, आलाकमान संशय में

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 5 2021 12:57PM | Updated Date: Dec 5 2021 3:26PM
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श्रीनगर। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 में शामिल गुलाम नबी आजाद ने कयासों को विराम देते हुए साफ कर दिया है कि उनका जम्‍मू-कश्‍मीर में नई पार्टी बनाने का इरादा नहीं है। हालांकि इशारों-इशारों में वह यह भी कहने से पीछे नहीं रहे हैं कि भविष्य में क्या होगा। यह कौन जानता है? जम्मू-कश्मीर में आजाद समर्थक कांग्रेसी नेताओं के आलाकमान के खिलाफ चल रहे इस्तीफों की झड़ी के बीच गुलाम नबी आजाद भी लगातार जम्मू-कश्मीर में रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। ऐसे में अटकलें लग रही हैं कि वह एक नई पार्टी बना सकते हैं। 
 
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद के लगातार रैली करने और उनके 20 वफादारों के एक के बाद एक इस्‍तीफे ने कांग्रेस आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि उन्होंने कहा है कि रैलियां जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने के लिए की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां ठंडे बस्ते में चली गई हैं।
 
गौरतलब है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की बगावत के बाद जम्मू-कश्मीर में वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज़ाद इन दिनों जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ रैलियां कर कांग्रेस के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने यहां तक कह दिया कि अब कोई आलोचना सुनना नहीं चाहता है और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता है। यह तब है जब कोई भी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है। एक समय में जब पार्टी के अंदर सब कुछ सही नहीं चल रहा था उस वक्‍त इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मुझे बहुत अधिक स्वतंत्रता दी थी। वे आलोचनाओं का कभी बुरा नहीं मानते थे। वे इसे आक्रामक रूप में भी नहीं देखते थे लेकिन आज का नेतृत्व इसे आक्रामक रवैये के रूप में देखता है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आजाद समर्थक 20 करीबी नेताओं ने पिछले दो हफ्तों में पार्टी के अलग-अलग पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे संगठन में आमूल-चूल बदलाव कर आजाद के नेतृत्व पर विश्वास जताती चिट्ठियां लिख कांग्रेस आलाकमान को प्रेषित कर चुके हैं। 
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