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चीन की हर गतिविधि पर कड़ी नजर है नौसेना की: एडमिरल हरि कुमार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 3 2021 3:58PM | Updated Date: Dec 3 2021 3:58PM
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नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने आज कहा कि हिन्द महासागर में चीन की हर गतिविधि पर भारतीय नौसेना की कड़ी नजर है और वह कोविड की चुनौती के बावजूद देश के समुद्री हितों की सभी प्रतिकूल परिस्थितियों में सीमित संसाधनों से रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। तीन दिन पहले ही नौसेना की बागडोर संभालने वाले एडमिरल हरि कुमार ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नौसेना तीनों सेनाओं के एकीकरण और देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलायी जा रही सरकार की तमाम योजनाओं का मजबूती से समर्थन कर रही है तथा उनमें यथासंभव योगदान कर रही है। एडमिरल ने कहा कि उनके नेतृत्व में नौसेना का मूलमंत्र ‘ शिप्स फर्स्ट’ रहेगा क्योंकि हमारे युद्धपोत तथा उनपर तैनात जनशक्ति ही हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। “ जैसे वायु सेना का नारा ‘एयरक्राफ्ट फर्स्ट’ होता है वैसे ही नौसेना का भी यही नारा है। नौसेना की पनडुब्बी से संबंधित खुफिया जानकारी लीक होने के मामले पर उन्होंने कहा कि अभी इसकी स्थानीय एजेन्सी तथा नौसेना द्वारा जांच चल रही है। नौसेना हर संभव सहयोग कर रही है और इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
 
उन्होंने कहा कि नौसेना उत्तरी सीमा पर उत्पन्न स्थिति तथा कोविड के कारण बने हालातों के मद्देनजर दो जटिल चुनौतियों से एकसाथ निपटने में सक्षम है। चीन की नौसेना की गतिविधियों तथा उसके पास बड़ी संख्या में युद्धपोतों , पनडुब्बियों तथा विमानवाहक पोत के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना चीन की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए केवल युद्धपोतों और पनडुब्बियों की संख्या पर ही दारोमदार नहीं रहता बल्कि उसके पीछे की जनशक्ति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। नौसेना के पास बेहतर और कुशल तथा प्रशिक्षित जनशक्ति है जो किसी भी मुकाबले में पीछे नहीं हटेगी।
 
नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी विशेष देश की तैयारियों को ध्यान में रखकर अपनी क्षमता नहीं बढ़ाती बल्कि वह परिस्थितियों तथा आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखकर अपनी क्षमता तथा ताकत बढ़ाने की चरणबद्ध योजना पर काम करती है। उन्होंने कहा कि नौसेना में प्लेटफार्म की संख्या बढाने के बारे में व्यापक योजना बनायी जा रही है और वह अभी इस बारे में कोई संख्या नहीं बता सकते क्योंकि यह परिस्थितियों तथा जरूरत पर निर्भर करेगा। यह संख्या निर्धारित 170 से कम या ज्यादा भी हो सकती है। प्रौद्योगिकी के बहुत जल्दी बदलने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अभी दस वर्षों को ध्यान में रखकर योजना बनायी जा रही है जिससे कि प्रौद्योगिकी जल्दी पुरानी न पड़े। चीन और पाकिस्तान की एक साथ दोतरफा कार्रवाई के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि वह देशवासियों को आश्वस्त करते हैं कि नौसेना मौजूदा संसाधनों का अधिकतम और बेहतर इस्तेमाल कर देश के समुद्री हितों की रक्षा करने के लिए तैयार है और इस मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि नौसेना चीन की पनडुब्बियों पर करीबी नजर रखती है और उनकी गतिविधियों की पूरी तरह निगरानी करती है।
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