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कांग्रेस की मांग- शहीद किसानों को मिले 5 करोड़, सरकार बोली- ऐसे किसानों का कोई...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 1 2021 2:04PM | Updated Date: Dec 1 2021 2:04PM
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नई दिल्‍ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को सहायता राशि देने से इनकार कर दिया है। विपक्ष ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता देने की मांग की थी, जिस पर सरकार ने उत्तर देते हुए कहा कि आंदोलन में हुईं मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है इसलिए सहायता नहीं जा सकती। सरकार ने कहा, ‘कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं है और इसलिए इसका सवाल ही नहीं उठता है।’ विपक्ष के नेताओं और विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा है कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से चल रहे प्रदर्शनों के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान चली गई। किसान संगठन लगातार मृतक किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
 
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने ‘आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी पर चर्चा’ की मांग की थी और सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया था। सरकार का इसी पर जवाब आया है। विपक्षी दलों ने भी पहले ही कहा था कि वो कानून वापस लेने में देरी और आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का मुद्दा भी सदन में उठाएंगे। कांग्रेस ने कोरोना से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या पर बहस का अनुरोध किया था। कांग्रेस ने मांग की थी कि इस महामारी से अपनों को खोने वाले गरीब परिवारों को 5-5 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए।
 
मनीष तिवारी ने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा, किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसान शहीद हुए हैं। सरकार से मांग है कि वो ऐसे जान गंवाने वाले किसानों की सूची तैयार करके उनके परिजनों को 5-5 करोड़ रुपये का मुआवजा दे। साथ ही उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून की मांग भी की। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा ने मांग की थी कि सरकार को कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गांरटी देने के लिए विधेयक लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों में सरकार को भरोसा दिलाना चाहिए कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाएगा और उन किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा जिनकी मौत आंदोलन के दौरान हुई है।
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