नई दिल्ली। भारतीया ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कानपुर टेस्ट में उन्होंने खास उपलब्धि हासिल की। वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बने। उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें डर था कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के बीच उनका करियर खत्म हो जाएगा। 35 साल के अश्विन (419) ने अपने 80वें टेस्ट में हरभजन सिंह (103 टेस्ट में 417 विकेट ) को पछाड़ दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल की शुरुआत में भारतीय टीम के न्यूजीलैंड दौरे के बाद उनका करियर दोराहे पर था।
बीसीसीआई की वेबसाइट के लिए अपने साथी खिलाड़ी श्रेयस अय्यर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो कोरोना महामारी और लाकडाउन के बीच मेरे जीवन और मेरे करियर में पिछले कुछ साल से जो कुछ हो रहा था, मुझे पता नहीं था कि टेस्ट क्रिकेट फिर खेलूंगा या नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैंने क्राइस्टचर्च में 29 फरवरी 2020 से शुरू हुआ आखिरी टेस्ट नहीं खेला था। मैं दोराहे पर था कि दोबारा टेस्ट खेल सकूंगा या नहीं। मेरा भविष्य क्या है। क्या मुझे टेस्ट टीम में जगह मिलेगा क्योंकि मैं वही प्रारूप खेल रहा था। ईश्वर दयालु हैं और अब हालात बिल्कुल बदल गए।’
अश्विन ने कहा,‘ मैं दिल्ली कैपिटल्स टीम में आया और जब तुम ( श्रेयस) कप्तान थे तभी से हालात बदलने लगे।’ अश्विन का पूरा परिवार मई में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया था। उन्हें इस वजह से आईपीएल छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि हरभजन ने उन्हें ऑफ स्पिन गेंदबाजी के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में हरभजन के प्रदर्शन को देखकर ही वह ऑफ स्पिनर बनने की ओर प्रेरित हुए।
उन्होंने कहा, ‘उनसे प्रेरणा लेकर मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की और आज यहां तक पहुंचा। धन्यवाद भज्जी पा मुझे प्रेरित करने के लिए। यह शानदार उपलब्धि है। मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैंने इसी मैदान पर 200वां विकेट लिया था और इसी मैदान पर हरभजन को पीछे छोड़ा। पहला टेस्ट ड्रॉ रहने के बारे में उन्होंने कहा, ‘अभी भरोसा नहीं हो रहा है कि हम जीत नहीं सके। जीत के इतने करीब पहुंचकर भी। मेरे लिए यह पचा पाना मुश्किल है। ऐसा जमैका में भी एक बार हुआ था। आखिरी दिन हम जीत की कोशिश में थे, लेकिन जीत नहीं सके थे, आखिरी पारी में गेंदबाजी करने के कारण मुझे इससे उबरने में अधिक समय लगे।