नई दिल्ली। भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए अरुणाचल प्रदेश में LAC के पास ऊंचे पहाड़ों में बड़ी संख्या में हाईटेक L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन तैनात की है। अधिकारियों ने कहा कि एलएसी के पास एम-777 हॉवित्जर और स्वीडिश बोफोर्स तोपों के अलावा इस एंटी एयरक्राफ्ट हाईटेक गन की तैनाती की गई है. सीमा पर 3.5 किलोमीटर की रेंज वाली इस एंटी-एयरक्राफ्ट गन की तैनाती से भारतीय सेना दुश्मन देशों के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टर और आधुनिक विमानों को गिराने में सक्षम हो सकेगी. पूर्वी लद्दाख में भी 17 महीने से भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है।
सेना ने पूर्वी सेक्टर में 1,300 किलोमीटर से अधिक एलएसी के साथ अपनी ऑपरेशन तैयारियों को और अधिक मजबूत करने को लेकर इस गन की तैनाती की है. इससे पहले सेना ने पहले ही एम-777 हॉवित्जर तोपों को तैनात कर दिया है। भारत को यह तोप पहली बार तीन साल पहले मिले थे. चीन से सटे इलाके में भारतीय सेना किसी भी घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. सेना की अलग-अलग टुकड़ियां प्रशिक्षण और सैन्य अभ्यास से गुजर रही हैं। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि हाईटेक L-70 गन लगभग दो-तीन महीने पहले अरुणाचल प्रदेश में कई प्रमुख स्थानों के अलावा पूरे एलएसी के साथ अन्य संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई थीं। इस गन के शामिल होने से सेना की शक्ति में काफी वृद्धि हुई है। यह गन सभी मानव रहित हवाई वाहनों, मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों, हमलावर हेलीकॉप्टरों और आधुनिक विमानों को नीचे गिराने में सक्षम है। यह हाईटेक गन की किसी भी मौसम में ट्रैकिंग करने की क्षमता है।
L-70 सभी मानव रहित हवाई यानों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टर और आधुनिक विमानों को निशाने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें हाईटेक सेंसर लगे हैं, जो किसी भी मौसम में दुश्मन के विमान को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। थर्मल इमेजिंग कैमरा और लेजर रेंज फाइंडर इसकी ताकत को और ज्यादा बढ़ाता है। मूल रूप से 1950 के दशक में स्वीडिश रक्षा फर्म बोफोर्स एबी द्वारा निर्मित L70 गन भारत इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित की गई हैं। यह मुख्य रूप से छोटे ड्रोन, हेलीकॉप्टर और विमान सहित हवाई खतरों को ट्रैक कर सकती है। पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से सेना ने चीन की सीमा से लगे पूर्वी सेक्टर में अपनी परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं।