नई दिल्ली। चीन की आक्रामक नीतियों का मुकाबला करने के लिए भारत एवं ताइवान के लोकतंत्र के आधार पर एक दूसरे के और करीब आने तथा चीनी अतिक्रमण के खतरे से मिल कर मुकाबला करने की आवश्यकता जतायी गयी है।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा पर, दक्षिण चीन सागर में विभिन्न देशों के विरुद्ध और ताइवान को लेकर चीनी आक्रामकता के बीच भारत एवं ताइवान के पत्रकारों ने एक हाल ही में इंडिया ताइवान जर्नलिस्ट कॉनक्लेव का आयोजन किया जिसमें राज्यसभा के पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य राम माधव, भारत में ताइवान के राजदूत बाउशुन गेर, रक्षा और रणनीतिक मामलों के जानकार नितिन गोखले शामिल हुए