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भगवान ही जाने हम टीकाकरण का लक्ष्य दिसंबर 2021 तक पूरा करेंगे या नहीं : हाईकोर्ट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 5 2021 12:08AM | Updated Date: Aug 5 2021 12:08AM
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कोरोना संक्रमण के तीसर लहर के संभावना के बीच बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने देशभर में टीकाकरण की रफ्तार धीमा होने पर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि भगवान ही जाने, हम 31 दिसंबर, 2021 तक टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे या नहीं।

जस्टिस विपीन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी संभावित कोराना संक्रमण के तीसरी लहर के मद्देनजर आक्सीजन, दवाइयों, बेड व अन्य जरूरतों की तैयारियों की समीक्षा से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की। पीठ ने कहा कि मंगलवार को हमने अखबारों में पढ़ा कि टीकाकरण के लक्ष्य को पाने के लिए देश में रोजाना 90 लाख लोगों को टीका लगाने की जरूरत है। पीठ ने केंद्र से कहा कि आप लक्ष्य को कैसे पूरा करेंगे। पीठ ने कहा कि जब हमारे पास उस तरह का संशाधन या वैक्सीन नहीं है तो जाहिर तौर पर हम इसे (लक्ष्य) को हासिल नहीं करने जा रहे हैं।

टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए पीठ ने कहा कि उन कंपनियों को कारपोरेट सोशल रेस्पोंसिबलिटी (सीएसआर) के तहत छूट मिलनी चाहिए जो निशुल्क टीकाकरण कर रहे है। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता कृतिमान सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कंपनी लीगल कमेटी ने कोरोना से संबंधित गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड में छूट नहीं देने की सिफारिश की है। सिंह ने पीठ को बताया कि समिति ने सिर्फ कोरोना संक्रमण के दवा और टीकाकरण के लिए शोध करने वाले संस्थानों को ही इसके 3 साल तक की छूट दिया गया है। इस पर पीठ ने कहा कि निशुल्क टीकाकरण करने वाले संस्थानों को छूट क्यों नहीं दिया जा रहा है।

कोर्ट ने कहा कि जब कोई अस्पताल अपनी क्षमता से आगे जाकर लोगों को निशुल्क टीका दे रहा है तो उसे सीएसआर से छूट क्यों नहीं मिलना चाहिए। पीठ ने सरकार से कहा कि क्या आप चाहते हैं कि पैसे का प्रवाह सिर्फ आपके शोध संस्थानों में हो। कोर्ट ने कहा कि दवा कंपनियां, अस्पताल व अन्य कंपनियां जो भी निशुल्क टीकाकरण कर रही है, उन्हें भी सीएसआर में छूट मिलना चाहिए। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि टाटा स्टील जैसी कंपनियां जमशेदपुर में लोगों को टीका लगाना चाहती है तो ऐसे में कंपनियों को छूट दिया जाना चाहिए।

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