नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामला, किसानों के मुद्दे और आसमान छूती महंगाई के मसले पर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में बुधवार को मानूसन सत्र के 12वें दिन शून्यकाल बाधित रहा और सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल के दौरान दो बार के स्थगन के उपरांत दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही तीसरी बार जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और शिरोमणि अकाली दल समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करते हुए अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गये। सदस्यों के हाथों में किसानों के मुद्दे, पेगासस जासूसी और महंगाई से जुड़े भिन्न-भिन्न प्रकार के नारे लिखी तख्तियां मौजूद थीं।
पीठसीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने हंगामा के बीच ही महत्वपूर्ण दस्तावेज सदन पटल पर रखवाये। अग्रवाल ने सदस्यों को अपनी सीट पर जाने का भी आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। अंतत: सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल को भी बाधित किया था और सदन की कार्यवाही उस दौरान दो बार स्थगित करनी पड़ी। पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने एक बार के स्थगन के बाद 1130 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया था तो विपक्ष के सदस्य बैनर तथा तख्तियां लेकर सदन के बीचोबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। अग्रवाल ने उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी और सदन चलाने का प्रयास किया लेकिन सदस्यों का हंगामा लगातार जारी रहा। उसके बाद उन्हें कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।