नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोपियों की कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत के मामले की जांच पूरी करने के लिए संबंधित आयोग को छह माह का अतिरिक्त समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने मंगलवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय जांच आयोग को छह महीने का और समय दिया।
पीठ ने जांच आयोग की ओर से पेश वकील के। परमेश्वर से पूछा कि उन्हें जांच पूरी करने के लिए और कितना समय चाहिए? इस पर श्री परमेश्वर ने कहा कि उन्हें हाल ही में 130 गवाहों की नयी सूची मिली है और आयोग को कम से कम आठ महीने का वक्त और दिया जाये।
इस पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर विकास दुबे की मुठभेड़ की जांच के लिए गठित आयोग द्वारा रिपोर्ट दाखिल कर देने का हवाला भी दिया। बाद में न्यायालय ने आयोग का कार्यकाल छह माह बढ़ा दिया।
उल्लेखनीय है कि मुठभेड़ की परिस्थितियों की जांच के लिए 12 दिसंबर, 2019 को न्यायमूर्ति सिरपुरकर पैनल का गठन किया गया था। न्यायालय ने आयोग को छह महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था, लेकिन जांच पैनल का कार्यकाल अब तक तीन बार बढ़ाया जा चुका है।