नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बिस्तर से उठने में अक्षम लोगों के टीकाकरण संबंधी एक याचिका केंद्र और दिल्ली सरकार से मंगलवार को जवाब मांगा है। याचिका में बिस्तर से उठने में अक्षम वरिष्ठ नागरिकों को घर जाकर तत्काल कोविड-19 टीका लगाने की नीति पेश करने का सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एक जनहित याचिका पर यह नोटिस जारी किया। याचिका में इस प्रकार के मामलों के पंजीकरण के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का भी अनुरोध किया गया है। गठिया से पीड़ित 84 वर्षीय धीरज अग्रवाल ने यह याचिका दायर की है। उन्हें अभी तक टीका नहीं लगा है क्योंकि वह अपने खराब स्वास्थ्य के कारण टीकाकरण केंद्र नहीं जा सकते।
कई ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो नहीं पहुंच सकते टीकाकरण केंद्र
याचिका में कहा गया है कि कई ऐसे वरिष्ठ नागरिक और बीमारी के कारण बिस्तर से उठ नहीं पाने वाले नागरिक हैं, जिनके संक्रमित होने का खतरा है। उनके पास टीकाकरण केंद्र पहुंचने के लिए निजी वाहन नहीं है या उनके परिवार में कोई ऐसा सदस्य नहीं है, जो पंजीकरण प्रक्रिया में उनकी मदद कर सके।
इसमें कहा गया है कि टीकाकरण केंद्र जाने के दौरान भी वरिष्ठ नागरिकों के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक है।याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनय कुमार ने दलील दी कि हेल्पलाइन सेवा मुहैया कराना और घर जाकर टीकाकरण करना प्राधिकारियों का दायित्व है और ऐसा नहीं करना जीवन के अधिकार के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि झारखंड जैसे कुछ राज्यों ने घर पर टीकाकरण की मुहिम पहले की शुरू कर दी है। मामले में आगे सुनवाई 16 सितंबर को होगी।