कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। सीएम ममता ने कहा कि "मानो या न मानो, खेला होबे" बहुत लोकप्रिय हो गया है। जल्द ही यह पूरे भारत में लोकप्रिय होगा। 2024 में कुछ होने वाला है।
कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में "खेला होबे" कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान सीएम ने कहा कि यह नारा संसद में भी उठाया गया था। टीएमसी का नारा देश भर में गूंज रहा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का चुनावी नारा 'खेला होबे' लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है और 'आने वाले दिनों में खेले जाने वाले मैच का पूरा देश गवाह बनेगा।'
उन्होंने परोक्ष रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए यह टिप्पणी की। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि भारत को रास्ता दिखाने में बंगाल को गर्व होगा। 'खेला होबे' योजना का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा, 'आप सहमत हों या न हों लेकिन यह सच है कि यह नारा देश में बहुत लोकप्रिय हो गया है। संसद और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान जैसे कई राज्यों में भी नारे लगे हैं।'
'खेला होबे' योजना के तहत स्पोर्ट्स क्लब को फुटबॉल वितरित किए जाएंगे। बनर्जी ने आगे कहा कि अभी एक छोटा खेल खेला गया है और आगे बहुत कुछ होने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'बंगाल इस 'मैच' में लोगों को रास्ता दिखाने में गर्व महसूस कर सकता है। याद रखें, निकट भविष्य में पूरा देश एक खेल का गवाह बनेगा। खेला के बिना कोई जीवन नहीं हो सकता।'
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी प्रचार के दौरान हर जगह लोगों को ये नारे लगाते हुए सुना है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1980 में कोलकाता में एक डर्बी मैच के दौरान मची भगदड़ में मारे गए 16 फुटबॉल प्रशंसकों की याद में 16 अगस्त को 'खेला होबे दिवस' मनाने का फैसला किया है।
भारतीय फुटबॉल संघ (आईएफए) से संबद्ध 303 क्लबों में से प्रत्येक को 10 फुटबॉल वितरित करते हुए बनर्जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाड़ियों और कोचों को एक लाख से अधिक फुटबॉल दिए जाएंगे। बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में कम से कम 25,000 क्लबों को 5-5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'खेला होबे' दिवस के अवसर पर आयोजित मैचों में भाग लेने वालों को अतिरिक्त 15,000 रुपये दिए जाएंगे।