पटना: पेगासस मामले (Pegasus Case) पर सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे विपक्ष को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का भी साथ मिल गया है. नीतीश ने फोन टेपिंग मामले (Phone Taping Case) में विपक्षी दलों की ओर से की जा रही संसद में चर्चा और जांच की मांग का समर्थन किया है.
संसद में चर्चा और जांच को समर्थन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा, 'फोन टैपिंग (Phone Taping) की बात इतने दिनों से आ रही है, इस पर जरूर चर्चा हो जानी चाहिए. ऐसे विषयों पर एक-एक बात को देख करके उचित कदम उठाना चाहिए. क्या हुआ है, क्या नहीं हुआ है, संसद में कुछ लोग बोल रहे हैं और जो समाचार पत्रों में आता है वही देखते हैं हम.' नीतीश कुमार ने कहा, लेकिन जो भी है उसकी ठीक से जांच होनी चाहिए और जो भी सच्चाई है वो सामने आनी चाहिए.
उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर नीतीश की प्रतिक्रिया
साथ ही उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) द्वारा पीएम मैटेरियल कहे जाने पर जब नीतीश ने कहा, हम लोगों की इन सब चीजों में कोई दिलचस्पी नहीं है. हम क्यों पीएम मैटेरियल होंगे. नीतीश ने पार्टी में नाराजगी खबरों का भी खंडन किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आरसीपी सिंह ने ही ललन सिंह को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया.
जातिगत जनगणना के लिए पीएम से करेंगे बात
वहीं, दूसरी ओर जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना की बात होती रही है और विपक्ष की तरफ से सुझाव आया कि इस पर पीएम से मिलना चाहिए और कहना चाहिए तो आज ही हम बात कर लेंगे. बीजेपी के लोगों से भी कहा गया है. इससे सबको खुशी होगी. जातिगत जनगणना की मांग को बिहार विधानमंडल से दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा गया है.