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क्‍या है EPFO का कोरोना बीमा कवर, जानिए विस्‍तृत जानकारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 7 2021 8:21PM | Updated Date: May 7 2021 8:21PM
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नई दिल्‍ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन या एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन सरकार अथवा प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए बनाया गया है। नौकरीपेशा लोगों के लिए अपनी बंधी- बंधाई सैलरी में बचत कर पाना आसान नहीं होता है। इसी बात को समझते हुए ईपीएफओ बनाया गया जिसमें नौकरीपेशा लोगों की सैलरी में से पीएफ का पैसा काटा जाता है। इस पैसे को अकाउंट में जमा किया जाता है जिसे पीएफ अकाउंट कहते हैं।
 
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इन दिनों कोरोना काल में अपने सदस्यों को सात लाख रुपये के कोरोना जीवन बीमा की सुविधा भी दे रहा है। जरूरत है कि इस संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि दावेदारी पेश कर समय से बीमा की राशि हासिल कर सकें। ईपीएफओ ने ईडीएलआइ (इंप्लाइज डिपाजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम) के तहत बीमा कवर बढ़ाकर सात लाख रुपये किया है।
खास बात यह है कि यह बीमा कवर उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जिन्होंने सालभर के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में काम किया है। यह क्लेम कर्मचारी के स्वजन की ओर से बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु पर भी किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि अब तक बीमा कवर की राशि 2.5 लाख रुपये थे।
 
यह है कि ईडीएलआइ स्कीम
 
इस स्कीम के तहत क्लेम करने वाला सदस्य इम्प्लाइ के नामिनी की ओर से इम्प्लाइ की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जा सकता है। ईपीएफओ ने कोरोना काल में अपने सदस्यों को राहत देने के लिए यह स्कीम लाई है। खास बात यह है कि इसका लाभ उन्हें भी मिलेगा जो कर्मचारी सालभर के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठान में काम कर चुके हैं।
 
कंपनी की ओर से होता है योगदान
 
किसी भी आर्गेनाइज्ड समूह में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसद ईपीएफ (इम्प्लाइ प्रोविडेंट फंड) में जाता है। साथ ही 12 फीसद का योगदान कंपनी या नियोक्ता द्वारा किया जाता है। लेकिन नियोक्ता का 12 फीसद में से 8.33 फीसद इम्प्लाइ पेंशन स्कीम (ईपीएस) में चला जाता है। इस प्रकार ईडीएलआइ स्कीम में केवल कंपनी की ओर से प्रीमियम जमा होता है।
 
इस प्रकार होती है क्लेम की गणना
 
ईडीएलआइ स्कीम में क्लेम की गणनान कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी व डीए के आधार पर होती है। बताया जा रहा है कि इस इंश्योरेंस का क्लेम कवर आखिरी बेसिक सैलरी और डीए का 35 गुना होगा। मान लीजिए आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी व डीए 15 हजार रुपये है तो इंश्योरेंस क्लेम 35 गुणित 15 हजार प्लस एक लाख 75 हजार रुपये यानि सात लाख होगा।
 
ऐसे होगा दावा
 
अगर ईपीएफ सदस्य की असमय मृत्यु हुई है, तो उसके नामिनी या उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकेंगे। क्लेम करने वाला 18 साल से कम है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को इम्प्लाइ की मृत्यु का प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नामिनी की ओर से आवेदन करने वाले गार्जियन सर्टिफिकेट व बैंक डिटेल्स देना होगा।
 
सदस्यों को होगा फायदा
 
यह पूरी तरह से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा अपने सदस्यों के हितों का ध्यान रखते हुए लागू किया गया है। इससे सभी सदस्यों को लाभ होगा।
 
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