29 Mar 2024, 18:52:03 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

अमेरिका ने किया भारत की वैक्सीन से पेटेंट हटाने की मांग का ‘ऐतिहासिक’ समर्थन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 6 2021 5:24PM | Updated Date: May 6 2021 5:24PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्‍ली। भारत विश्व व्यापार संगठन में मांग करता रहा है कि कोविड वैक्सीन पर पेटेंट हटाया जाए। अब अमेरिका ने भी भारत की मांग का समर्थन किया है और कहा है पेटेंट अधिकार हटा लेने चाहिए ताकि गरीब देश भी वैक्सीन को अपने यहां बना सकें। विश्व व्यापार संगठन में दक्षिण अफ्रीका ने भी भारत की इस लड़ाई में साथ दिया है। बुधवार को अमेरिका ने भारत की इस मांग पर अपना रुख बदला और मांग का समर्थन किया। अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई ने कहा कि व्यापारों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार जरूरी हैं लेकिन अमेरिका कोविड वैक्सीन पर से वे अधिकार हटाने का समर्थन करता है ताकि महामारी को खत्म किया जा सके।
 
एक बयान में टाई ने कहा, "यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है और कोविड-19 महामारी के असाधारण हालात में असाधारण कदम उठाने की जरूरत है।” अमीर देशों पर कोविड वैक्सीन की जमाखोरी के आरोपों के बीच अमेरिका पर इस मांग का समर्थन करने का भारी दबाव था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस ने अमेरिका के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में यह फैसला मील का पत्थर है। टाई ने हालांकि कहा कि इस फैसले में समय लग सकता है क्योंकि विश्व व्यापार संगठन में निर्णय आम सहमति से होते हैं।
 
अमेरिका ने अपने यहां सप्लाई सुरक्षित कर ली है पर अब वह वैक्सीन के निर्माण और वितरण का विस्तार करना चाहता है और इसके लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने पर काम करेगा। विश्व व्यापार संगठन के प्रमुख न्गोजी ओकोंज-इवेला ने कहा कि यह हमारे वक्त का सबसे बड़ा नैतिक और आर्थिक मुद्दा है। हालांकि दवा निर्माता कंपनियां और उनके देश इस मांग का तीखा विरोध करते रहे हैं। उन्होंने अमेरिका के रुख को निराशाजनक बताया है।
 
जेनेवा स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऐंड असोसिएशन्स ने कहा, "अधिकार हटाना तो साधारण है लेकिन यह एक जटिल समस्या का गलत हल है।” टाई ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए हाल के हफ्तों में अमेरिकी दवा कंपनियों फाइजर, मॉडर्ना और जॉन्सन ऐंड जॉन्सन के अधिकारियों से मुलाकात की है। इस बीच भारत में महमामारी की विकरालता बढ़ती जा रही है। बुधवार को देश में 3,980 लोगों की कोविड से मौत दर्ज की गई, जो अब तक एक दिन में सबसे बड़ी संख्या है।
 
देश में संक्रमण के चार लाख 12 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज हुए। उधर केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के। विजयराघवन ने तीसरी लहर की चेतावनी दी है। उन्होंने ने कहा कि इस लहर को हराने के बाद भी 130 करोड़ लोगों के देश को नई लहर के लिए तैयार रहना चाहिए। उधर भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की लड़खड़ाती स्वास्थ्य व्यवस्था को सहारा देने के लिए वैक्सीन निर्माताओं, अस्पतालों और स्वास्थ्य कंपनियों को 6।7 अरब डॉलर का ऋण सस्ती दरों पर देने का ऐलान किया है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »