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कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर लागू रखना होगा: स्वास्थ्य मंत्रालय

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 26 2021 6:05PM | Updated Date: Apr 26 2021 6:05PM
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नई दिल्ली। महामारी की तीव्रता बढ़ गई है और यह पिछली बार के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैल रही है। कुछ राज्यों में हालात अन्य के मुकाबले ज्यादा खराब हैं लेकिन संक्रमण के मामले देश भर बढ़ रहे हैं। दूसरी लहर को काबू में करने के लिए जनभागीदारी अहम है। अगले चार सप्ताह बेहद अहम रहने वाले हैं। पूरे देश को एकजुट हो कर महामारी से लड़ने के प्रयास करने होंगे।' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की इस दौरान संयुक्त सचिव ने बताया कि पिछले साल में मुकाबले इस बार कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ये वायरस सिर्फ इंसानों में ही फैलता है, जिसे रोकने के लिए कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर लागू रखना होगा। 
 
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस समय देश में 82% कोरोना के मरीज ठीक हो गए हैं. जबकि करीब 16.25% मामले यानी 28,13,658 मामले अभी भी एक्टिव केस की दृष्टि में है, जिसकी निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में एक्टिव केसों की संख्या ज्यादा बनी हुई है, जिसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं. इन राज्यों में अभी 1-1 लाख से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं। हम सभी राज्यों से बात कर रहे हैं और हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हम जनता से भी अपील करना चाहते है अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के हल्के लक्षण भी नजर आते हैं तो बिना देरी कोराना का टेस्ट करा लें और टेस्ट की रिपोर्ट आने तक क्वारंटीन में रहें. ध्यान रहे कि आपके आसपास किसी भी तरीके का भय का माहौल न बनने पाए। कोरोना के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि का पालन करना बहुत जरूरी है। 
 
AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'पूरे इंडिया को एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ ये लड़ाई लड़नी होगी. अभी लोगों में फिजूल का पैनिक है. इससे बहुत नुक्सान हो रहा है। जिसकी भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रही है वो सीधा अस्पताल की तरफ भाग रहा है, और दवाइयां इक्कठा कर रहा है. इतना ही नहीं, ऑक्सीजन का भी मिसयूज किया जा रहा है। इस संकट की घड़ी में हमें अस्पताल के संसाधनों को बेहतर इस्तेमाल करना होगा। मैं आज दोबारा ये बात कहना चाहता हूं कि रेमडेसिवीर (Remedesivir) के पीछे न भागें, इसका ज्यादा फायदा नहीं है.. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस ड्रग में कोई फायदा नहीं देखा है। इसके अलावा और भी दवाइयां मार्केट में मौजूद हैं।
 
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