नई दिल्ली। इस देश में शारीरिक शिक्षक और खेल प्रशिक्षक दोयम दर्जे के रूप में जाने जाते हैं, समाज और सरकार के द्वारा उन्हें आज तक वह सम्मान नहीं मिला जिसके असल में वह लोग हकदार होते हैं। इस कोरोना काल में हजार- लाखों शारीरिक शिक्षकों ने अपनी नौकरी खोई है और बड़े संकटों से अपना जीवन चलाया है और आज भी स्थिति कमोबेश वैसी है।
बहुत सारे शारीरिक शिक्षकों ने इस कोरोना के संकट काल मे अपनी जान की बाजी लगा कर समाज और देश की सेवा की है। पेफी भविष्य में स्थिति सामान्य होने पर ऐसे सभी शारीरिक शिक्षकों का सम्मान करेगी जिन्होंने ऐसी विषम परिस्थिति में देश और समाज की सेवा की है।
कोरोना के संकट ने इस देश में सबसे ज्यादा शारीरिक शिक्षकों, खेल प्रशिक्षकों और उससे जुड़े हुए लोगों पर असर किया है। खेल गतिविधियां अभी तक बंद है लेकिन हमें उम्मीद है कि हम पुन: खेलेंगे, फिर से खेल मैदानों में बहार आएगी, फिर से सीटी बजेगी।