जबलपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने आज कहा कि लोअर ज्यूडिशरी देश की न्यायिक व्यवस्था का आधारभूत अंग है। कोविंड यहां ऑल इंडिया ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट के उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में 18,000 से ज्यादा न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण हो चुका है।
लाकडाउन की अवधि में, जनवरी, 2021 तक पूरे देश में लगभग 76 लाख मामलों की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट्स में की गई। हमारी लोअर ज्यूडिशरी, देश की न्यायिक व्यवस्था का आधारभूत अंग है। उसमें प्रवेश से पहले, सैद्धांतिक ज्ञान रखने वाले कानून के विद्यार्थी को कुशल एवं उत्कृष्ट न्यायाधीश के रूप में प्रशिक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य हमारी न्यायिक अकादमियां कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि देश की अदालतों, विशेष रूप से जिला अदालतों में लंबित मुकदमों को शीघ्रता से निपटाने के लिए न्यायाधीशों के साथ ही अन्य न्यायिक एवं अर्ध न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड, विशिष्ट पहचान कोड और क्यूआर कोड जैसी पहल को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। ई-कोर्ट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ई-कार्यवाही, ई-फाइलिंग और ई-सेवा केंद्रों की मदद से न्यायिक प्रशासन के लिए न्याय को आसान करना आसान है।