नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में किसानों की आय दोगुनी करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और लोगों की आजीविका में सुधार को ध्यान में रखकर बांस के लिए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन पर जोर दिया है। तोमर ने ‘भारत में बांस के लिए अवसर और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परामर्श’ के उद्घाटन सत्र को गुरुवार को संबोधित करते हुए कहा कि बांस की खेती को अपनाने के लिए छोटे और सीमांत किसानों को प्रोत्साहित करने को लेकर एफपीओ के गठन किया जाना चाहिये । इससे संगठनों को नर्सरियों और पौधारोपण के लिए सही प्रक्रियाओं के बारे में जानकारियां देना सुनिश्चित होगा।
उन्होंने राज्यों से बांस क्षेत्र के लिए एफपीओ के गठन से जुड़े प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया। बांस क्षेत्र की उपलब्धियों को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण बांसों की पौध 15,000 हेक्टेयर क्षेत्र में लगाई गई है। किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौधारोपण सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, बांस मिशन के अंतर्गत 329 नर्सरियों की स्थापना की गई। राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत 79 बांस बाजार बनाए गए हैं। बांस आधारित स्थानीय अर्थव्यवस्था के एक मॉडल की स्थापना के लिए इन गतिविधियों को पायलट परियोजनाओं के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मिशन से जुड़े कदमों के साथ सार्वजनिक और निजी उद्यमियों के तालमेल से किसानों और स्थानीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के सरकार के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
अंकुरण के चरण में बांस की प्रजातियों और गुणवत्ता की पहचान करने में आने वाली मुश्किल को देखते हुए तोमर ने नर्सरियों को मान्यता देने और पौधारोपण सामग्री के प्रमाणन के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए ‘राष्ट्रीय बांस मिशन’ की सराहना की है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य फिलहाल नर्सरियों को मान्यता देने की प्रक्रिया में हैं और किसानों व उद्योग के मार्गदर्शन के लिए इनका ब्योरा सार्वजनिक कर दिया गया है, जहां वे अच्छी पौधारोपण सामग्री हासिल कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि बांस के बहुमुखी उपयोग के प्रति जागरूकता और विस्तार के साथ ही नवीन उत्पादों के लिए स्टार्टअप्स और डिजाइनरों के साथ मिलकर काम किया जाना चाहिए।