मुंबई। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आईएसआईएल के साथ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में आईएसआईएल के आतंकवादी अरीब मजीद की जमानत मंजूर कर ली। छह साल से अधिक समय जेल में बिताने के बाद अरीब मजीद को न्यायाधीश संभाजी शिंदे और मनीष पितले की खंडपीठ द्वारा कड़ी शर्तों पर जमानत दी गई।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जब मामले की सुनवाई बहुत धीमी गति से चल रही हो तो ऐसे में मजीद को जेल में रखने की अनुमति नहीं दे सकते। सत्ताइस वर्षीय मजीद पड़ोसी जिले ठाणे के कल्याण का रहवासी है और नवंबर 2014 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था क्योंकि वह आतंकवादी संगठन आईएसआईएल का सक्रिय सदस्य है और वह इराक और सीरिया में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था तथा भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए वापस आया। उसके विरुद्ध शहर में पुलिस मुख्यालय को उड़ाने की साजिश रचने का भी आरोप है।
एनआईए के अनुसार मजीद कल्याण इलाके के कुछ और लोगों के साथ इराक की धार्मिक यात्रा के लिए निकला था लेकिन वह धार्मिक स्थलों में नहीं गया और आईएसआईएल के साथ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो गया। विशेष अदालत ने मजीद की जमानत याचिका को दो बार खारिज करने के बाद उसे मार्च में इस आधार पर अनुमति दे दी थी कि अभियोजन पक्ष की ओर से अब तक जांच की गई 49 गवाहों में से 12 लोग अपने बयान से बदल गये और अन्य गवाहों से पर्याप्त सबूत नहीं मिलता कि उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बने।