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SC ने पुनर्विचार याचिका की खारिज, कहा- अपनी मर्जी से कहीं भी धरना प्रदर्शन नहीं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 13 2021 1:11PM | Updated Date: Feb 13 2021 1:14PM
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नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को शाहीन बाग मामले में पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल अक्टूबर माह में दिए गए शाहीन बाग फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लोग अपनी मर्जी से कहीं भी धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं। अदालत का कहना है कि विरोध जताने के लिए धरना प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन उसकी एक सीमा है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्तूबर में फैसला सुनाया था कि धरना प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या समूह इससे बाहर धरना प्रदर्शन करता है तो नियम के मुताबिक उन्हें हटाने का अधिकार पुलिस के पास है। धरना प्रदर्शन से आम लोगों की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। धरने के लिए सार्वजनिक स्थान पर कब्जा नहीं किया जा सकता। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में हो रही शाहीन बाग के प्रदर्शन को गैर कानूनी बताया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को चुनौती देते हुए पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दिया है।
 
तीन न्यायाधीशों एस के कॉल, अनिरुद्ध बोस और कृष्ण मुरारी की बेंच ने याचिका खारिज की है। साल 2019 में शाहीन बाग दिल्ली में सीएए के विरोध के केंद्र के रूप में सामने आया था। लाखों का संख्या में लोगों ने यहां पहुंचकर नागरिकता कानून का विरोध किया था। प्रदर्शन में मौजूद लौग और आलोचक इस कानून को 'मुस्लिम विरोधी' बता रहे थे। प्रदर्शनों के चलते दिल्ली का यातायात काफी प्रभावित हुआ था। जिसके बाद दिल्ली के रहने वाले शख्स अमित साहनी ने एक जनहित याचिका दायर की थी। कोरोना वायरस महामारी के चलते बीते साल मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के बाद प्रदर्शन बाग में खत्म हुआ था।
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