ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से 174 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 32 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 2 की शिनाख्त हो गई है। सभी शव टनल से और आसपास के क्षेत्रों में नदियों के किनारे से मिले हैं। वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आज सुबह बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं, अभी टनल खुली नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक आज सारा मलबा साफ होने की उम्मीद है।
तपोवन में 1800 मीटर लंबी सुरंग के अंदर अभी भी टनों मलबे के ढेर लगे हैं। मलबे को हटाने में एकमात्र जेसीबी लगी है, जो तीन दिनों में लगभग 130 मीटर में फैले मलबे को ही हटा पाई है। राहत और बचाव कार्य मंगलवार की शाम लगभग आठ बजे तक जारी था। रविवार सुबह के बाद से अब तक प्रभावित क्षेत्र से 32 शव बरामद हो चुके हैं। इनमें से सोमवार शाम तक 28 लापता लोगों के शव मिले थे। मंगलवार को चार शव और मिले, जिसमें लापता पुलिस कर्मी बलवीर गड़िया का शव भी शामिल था।
चमोली आपदा को लेकर रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के निदेशक लोकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि पहाड़ पर लटकी हुई बर्फ की पूरी चादर नीचे गिर गई थी। इसके साथ बहुत तेजी से भूस्खलन हुआ पूरा पहाड़ और बर्फ नदी में आ गए। इस वजह से आपदा आई।