नई दिल्ली। राष्ट्रपति पुलिस बहादुरी मेडल के लिए इस वर्ष दिल्ली पुलिस के 17 अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया है और इनमें स्पेशल सेल के सहायक उप निरीक्षक भूपेंद्र कुमार वत्स को उनके करियर में 80 बार सम्मानित किया जा चुका है जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
हरियाणा में झज्जर जिले के गांव खेडी आसरा निवासी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में सहायक उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत भूपेंद्र कुमार वत्स को आतंकियों को पकड़ने, बम धमाकों की घटनाओं के मामलों को सुलझाने और गैंगस्टरों को पकड़ने के मामलों में उत्कृष्ट कार्यों लिए 80 बार सम्मानित किया जा चुका है। बटला हाऊस एनकाऊंटर में शामिल इंडियन मुजाहिद्दीन के आंतकवादी को पकड़ने के अभियान में शामिल भूपेंद्र कुमार वत्स को वर्ष 2018 में हवलदार के पद से सहायक उप निरीक्षक के पद पर आउट ऑफ टर्न पदोन्नत किया गया था।
वर्ष 2019 में दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र से 1300 करोड़ रूपये की हेरोइन पकड़ने वाली टीम में दिल्ली पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुशवाहा और सहायक पुलिस आयुक्त ललित मोहन नेगी के नेतृत्व में 17 सदस्यीय टीम में भूपेंद्र कुमार वत्स भी शामिल थे। इसके लिए 23 दिसंबर, 2020 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की इस 17 सदस्यीय टीम को बेस्ट आपरेशन मेडल से सम्मानित किया था।
इसके अलावा 22 अगस्त, 2020 में दिल्ली में आईएसआईएस के खूंखार आतंकी अबू आसिफ को धर दबोचने वाली दिल्ली पुलिस की चार सदस्यीय टीम को राष्ट्रपति पुलिस बहादुरी मेडल के लिए चुना गया है। पकड़े गए आंतकी अबू आसिफ के पास टाइमर सहित प्रेशर कुकर, लाईव बम, सुसाईड बेल्ट और विस्फोटक भी बरामद हुआ था। झज्जर जिले के खेडी आसरा गांव में 11 अप्रैल,1979 में जन्में उप भूपेंद्र कुमार वत्स दिल्ली पुलिस में 1999 में भर्ती हुए थे और उनके पिता जल सिंह वत्स दिल्ली पुलिस से 2017 में उप निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए।