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वाघा-अटारी बॉर्डर पंजाब की ख़ुशहाली और दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों के लिये अहम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 3 2020 5:28PM | Updated Date: Dec 3 2020 5:29PM
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चंडीगढ़। अंतरराष्ट्रीय वाघा-अटारी व्यापारिक मार्ग भारत और पाकिस्तान के बीच केवल एक सड़क ही नहीं है बल्कि दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों और ख़ुशहाली के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सेंट्रल एशिया तक इसकी पहुँच पंजाबियों की आर्थिक और सामाजिक उन्नति के लिए अहम है। ये विचार वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज यहाँ ‘‘यूनीलेटरल डिसीजंस बाईलेटरल लॉसिस’’ पुस्तक के विमोचल पर व्यक्त किये।
 
नयी दिल्ली स्थित अनुसंधान और नीति विशेषज्ञ संस्था ब्यूरो ऑफ रिर्सच ऑन इंडस्ट्री एंड इक्नॉमिक फंडामैंटल्स (बी.आर.आई.ई.एफ.) के निदेशक अफाक हुसैन और सहायक निदेशक निकिता सिंगला ने यह पुस्तक लिखी है। बादल ने पड़ोसी मुल्कों के साथ व्यापारिक संबंधों की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता जताते हुये कहा कि मैं पंजाब सरकार की तरफ से केन्द्र सरकार के समक्ष वाघा-अटारी व्यापार की बहाली के मामले की पैरवी करूँगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं।
 
ज्ञातव्य है कि फरवरी 2019 से, जम्मू-कश्मीर के जिला पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के संबंधों में खटास आई है। 1996 से पाकिस्तान को व्यापार के लिए सबसे पसन्दीदा देश (मोस्ट फेवर्ड नेशन)के दर्जे को भारत सरकार ने वापस लेने का फैसला किया।  
उनके अनुसार जर्मन राजनीतिज्ञ ओटो वॉन बिस्मार्क ने एक बार टिप्पणी की थी कि बर्लिन को जाने वाली सडŸक वियना से होकर गुजरÞती है। मैं महसूस करता हूँ कि नयी दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सड़क पंजाब से होकर गुजरती है। वाघा-अटारी व्यापार ने इस साझी सीमा को सहयोग और अंतर-निर्भरता का केंद्र बनाया था।
 
व्यापार के निलंबन के कारण जमीनी स्तर पर हुए नुकसान की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि समय के साथ-साथ व्यापार सरहदी इलाकों की आर्थिकता के बचाव के लिए कैसे महत्वपूर्ण बन गया है,इसके बहाल होने से खुशहाली के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण संबंधों का आधार बंधेगा।
 
इस पुस्तक पर ऑनलाइन चर्चा के दौरान अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि अमृतसर के पास पर्यटन के अलावा वास्तव में कोई अन्य उद्योग नहीं है, जिसको कोविड-19 के कारण बुरी तरह मार पड़ी है। उन्होंने भारत सरकार को वाघा-अटारी व्यापार को अमृतसर के लिए एक पूर्ण विकसित उद्योग के तौर पर विचार करने की अपील की, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 25 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि इस सरहदी जिले के लिए व्यापार की बहाली बेहद अहम है। 
 
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