चेन्नई। तमिलनाडु में बुधवार शाम को भीषण चक्रवाती तूफान ‘निवार’ ने रौद्र रूप ले लिया और चेन्नई और उसके उपनगरों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश जारी है। मौसम विभाग की और से जारी बुलेटिन में तमिलनाडु और पुड्डुचेरी के तटों को ‘रेड मैसेज’ जारी करते हुए कहा कि बंगाल की खाड़ी पिछले छह घंटों के दौरान 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ा है और तूफान बिकराल हो गया। यह कुड्डालोर से लगभग 90 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी, पुड्डुचेरी से लगभग 150 किमी पूर्व में और चेन्नई से 220 किमी दक्षिण-पूर्व में केन्द्रित है। मौसम विभाग ने बताया कि तूफान के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और आज देर रात पुड्डुचेरी के आसपास कराईकल और ममल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुड्डुचेरी के तटों को पार करने की संभावना है।
कल सुबह चक्रवाती तूफान रौद्र रूप ले लेगा और 120-130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के साथ 145 किलोमीटर की रफ्तार से चक्रवाती आंधी चलने की आशंका है। इस चक्रवाती तूफान की निगरानी चेन्नई, कराईकल और श्रीहरिकोटा में डोप्पलर वैदर रडार द्वारा किया जा रहा है। इससे संबंधित जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने चक्रवाती तूफान के मद्देनजर कल 16 जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। चक्रवाती तूफान के निकट आने के मद्देनजर चेन्नई की सभी प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया है।
चेन्नई और तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा हो रही है। चेन्नई पुलिस ने ईसीआर, ओएमआर और एन्नोर एक्सप्रेस वे सित मरीना बीच और कामराजार सलाई के समुद्र तट के सामने सभी तटीय सड़कों को भी बंद कर दिया क्योंकि चक्रवात समुद्री तटों से कभी भी टकरा सकता है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर के कुछ हवाई मार्ग एहतियातन बंद कर दिया गया है। तूफान के टकराने से पहले लगातार बारिश जारी है।
चेन्नई शहर के चार मुख्य पेयजल संसाधनों में से एक चेंबरमबक्कम झील तेजी से भर गया है। उसमें 22 फुट तक पानी भर गया है। स्लुइस गेट पांच साल के अंतराल के बाद खोले गए हैं। प्रशासन ने अदयार नदी के आसपास और निचले इलाके में रहने वालों लोगों को बाढ़ की चेतावनी जारी की है। दिसंबर 2015 की बाढ़ को ध्यान में रखते हुए लगातार बारिश के बीच मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने झील का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। बाद में जलाशय से 3000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और नदी के किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत केन्द्रों में जाने को कहा गया है।