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छात्रों के मन में वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करना चाहिए : डॉ निशंक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 27 2020 12:19AM | Updated Date: Oct 27 2020 12:19AM
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नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों, विशेष रूप से तकनीकी संस्थानों को अपने छात्रों के मन में एक वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करना चाहिए। डॉ. निशंक ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) अरुणाचल प्रदेश के नव निर्मित अभियांत्रिकी भवन, जैव-प्रौद्योगिकी एवं रासायन अभियॉत्रिकी भवन, केंद्रीय उपकरण सुविधा और प्रतिक्रिया अभियांत्रिकी प्रयोगशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि हमारे शैक्षणिक संस्थानों, विशेष रूप से तकनीकी संस्थानों को अपने छात्रों के मन में एक वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करना चाहिए।

हमारे संस्थानों को ज्ञान के ‘पिटारे’ के रूप में काम करना चाहिए और युवा दिमाग को किताबी ज्ञान से परे सोचने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए। उनको किसी भी चुनौती को एक अवसर के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और कुल मिलाकर उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, एनआईटी अरुणाचल प्रदेश राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है और इस प्रतिष्ठित संस्थान में सम्पूर्ण देश के छात्र अध्ययन कर रहे हैं।

संस्थान ने यूपिया में अपने अस्थायी परिसर में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करते हुए कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, केन्द्रीय वित्त पोषित अभियांत्रिकी संस्थानों की उपलब्धियों पर अटल (एआरआईआईए) रैंक में भी उत्कर्ष स्थान प्राप्त किया है। अब जबकि इस संस्थान को स्थाई परिसर में स्थानांतरित किया जाएगा मुझे पूरा विश्वास है कि यह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई चमत्कार कर सकता हैं।

डॉ. निशंक ने कोरोना संकट काल में एनआईटी अरुणाचल प्रदेश द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा, 'कोरोनावायरस के फैलने के एक महीने के भीतर ही एनआईटी अरुणाचल प्रदेश ने कम लागत वाली स्वचालित हस्त प्रक्षालक मशीन तथा जेल आधारित हस्त प्रक्षालक विकसित की। इसके अलावा यह संस्थान 53 संकाय सदस्यों के सहयोग से लगभग 800 छात्रों को स्रातक, स्रातकोत्तर और पीएच.डी. स्तर की शिक्षा प्रदान कर रहा है। हाल ही में संस्थान में पीएच.डी. कार्यक्रम के नामांकन में 80% वृद्धि देखी गई है, जो निश्चित रूप से अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ानें में सहायक सिद्ध होगी।

यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान पूरे उत्तर पूर्वी क्षेत्र में एक आदर्श है, जिसका मिशन समाज की सेवा के लिए क्षेत्रीय, भारतीय तथा वैश्विक आवश्यकता की पहचान करना है।' केंद्रीय मंत्री ने सभी को नई शिक्षा नीति एवं कार्यान्वयन के बारे में सभी को बताया और कहा कि आज नए भारत के लिए हमारे लक्ष्य रोजगार सृजन, किसानों की आमदनी बढ़ाना, उन्नत भारत अभियान, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया आदि हैं।

इन्हीं लक्ष्यों को ध्यान में रखते हमने प्राथमिक से लेकर उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रणाली में बेहतरी के लिए नई शिक्षा नीति लागू की है। इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरन रिजिजू, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंजीनियर ताबा तेदीर, एनआईटी अरुणाचल प्रदेश के निदेशक प्रोŸफेसर पिनाकेश्वर महंत एवं एनआईटी अरुणाचल प्रदेश के अन्य शिक्षक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा जुड़े थे।

 
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