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मीडिया जगत के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने की मांग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 12 2020 12:08AM | Updated Date: Sep 12 2020 12:09AM
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नई दिल्ली। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स अखबारों एवं चैनलों में पत्रकारों की छंटनी, वेतन कटौती, फर्जी मुकदमों में गिरफ्तारी, उत्पीड़न, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और मीडिया कांउसिल के गठन तथा मीडिया जगत के लिए आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर देशभर में आंदोलन करेगी। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव एंथनी बेलांगर ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित एनयूजे-आई के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए बड़े पैमाने पर कार्य करने की आवश्यकता है। 

एनयूजेआई के पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए किये जा रहे तमाम प्रयासों का समर्थन करते हैं। एनयूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि अधिवेशन में केंद्र और राज्य सरकारों से मीडिया जगत के लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग की गई। केंद्र सरकार से मांग की गई कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे मध्यम और लघु समाचार पत्रों के लिए आर्थिक पैकेज की जल्दी से जल्दी से घोषणा की जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में छंटनी का शिकार बने पत्रकारों और कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। 

जिलों और छोटे कस्बों में काम करने वाले पत्रकारों को तो वेतन ही नहीं मिल रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें आर्थिक तौर पर संकट का सामना कर रहे पत्रकारों को एकमुश्त आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था कराएं। अधिवेशन में पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया कमीशन और मीडिया काउंसिल के गठन, कोरोना महामारी के चलते पत्रकारों का उत्पीड़न, एनयूजेआई के संविधान में संशोधन और अन्य कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। एनयूजे-आई के महासचिव प्रसन्ना मोहंती ने बताया कि संगठन के अध्यक्ष रास बिहारी की अध्यक्षता में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर में दो हजार से ज्यादा पत्रकारों ने हिस्सा लिया। 

राज्यों की राजधानियों के अलावा प्रमुख शहरों के साथ ही दूरदराज में काम करने वाले सदस्यों ने अधिवेशन में हिस्सा लिया। अधिवेशन को एनयूजे के पूर्व अध्यक्ष प्रज्ञानंद चौधरी कोलकाता, पूर्व महासचिव रतन दीक्षित और शिवकुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष डॉ. अरविन्द सिंह वाराणसी, उपाध्यक्ष सैयद जुनैद श्रीनगर, प्रदीप तिवारी भोपाल, भूपेन गोस्वामी गुवाहाटी, पुन्यमराजू विजयवाडा, रामचंद्र कनौजिया हरिद्वार, सचिव पंकज सोनी जयपुर, प्रशांत चक्रवर्ती अगरतला, के कंधास्वामी चेन्नई, कमलकांत उपमन्यु मथुरा, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल, महासचिव के पी मलिक, यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के महामंत्री अशोक अग्निहोत्री, उत्तराखंड एनयूजे अध्यक्ष ब्रह्मदत्त शर्मा, हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष राणेश राणा, हरियाणा मीडिया एसोसिएशन के संयोजक विपुल कौशिक, जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष राकेश शर्मा, जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ मध्यप्रदेश के अध्यक्ष खिलावन चंद्राकर, एनयूजे महाराष्ट्र की अध्यक्ष शीतल करदेकर, एनयूजे तमिलनाडु की महासचिव कृष्णावेनी, जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ आंध्र प्रदेश के महासचिव युगांधर रेड्डी, तेलंगाना मीडिया जर्नलिस्ट्स यूनियन के ए सूर्यप्रकाश रेड्डी, झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष रजत कुमार गुप्ता, वेस्ट बंगाल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव दीपक राय, जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ असम के महासचिव दालिम फूकन, एनयूजे बिहार के संयोजक रंजीत कुमार तिवारी ने संबोधित किया।

राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर में फर्जी मुकदमे बनाकर पत्रकारों को जेल भेजने की निंदा की गई। पत्रकारों ने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। संगठन की तरफ से सभी राज्यों में प्रशासन और पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने की मांग की गई। बैठक के अंत में राष्ट्रीय महासचिव प्रसन्ना मोहंती ने धन्यवाद दिया।

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