पुणे। सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने आज कहा कि संविधान की पवित्रता को बनाए रखना हम सभी की जÞम्मिेदारी है, जिसे देश के निर्माण के लिए संविधान के निर्माताओं द्वारा तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पहचानते हुए निस्वार्थ भाव से काम करना चाहिए। छात्रों को जिज्ञासु मन से विकास का सही रास्ता चुनकर देश को आगे ले जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालयों में एक वातावरण बनाया जाना चाहिए। अपने 40 साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। नरवणे ने कहा कि एक ही क्षेत्र में कई साल बिताने के बाद वह कई चीजों का अध्ययन करने में समर्थ रहे। सभी को अपनी जिम्मेदारी को पहचानना चाहिए। छात्रों को अभी से पढ़ने की आदत डाल लेनी चाहिए। पाठ्यक्रम के साथ, अतिरिक्त पठन विकसित किया जाना चाहिए। इससे सफलता मिलने की संभावनायें बढ़ जाती हैं।
नरवणे कला, डिजाइन और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की पांचवीं वर्षगांठ के ऑनलाइन समारोह में आज यहां बोल रहे थे। इस अवसर पर सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, पद्मश्री प्रमोद काले, पूर्व निदेशक विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र - इसरो, डॉक्टर राघवराव केएसएमएस, निदेशक केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, प्रोफेसर डॉ विश्वनाथ डी कराड, संस्थापक, एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस एंड ट्रस्टी-एमएईईआर पुणे, पोफेसर डॉक्टर मंगेश कराड कार्यकारी अध्यक्ष एमआईटी आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी पुणे आदि उपस्थित थे।