रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने देश के विकास में आदिवासी समाज की भूमिका रेखांकित करते हुए आज कहा कि आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक राष्ट्र के विकास में जनजातीय समुदाय का अतुलनीय योगदान रहा है। विश्व आदिवासी दिवस मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से रविवार को राजधानी रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में सोशल डिस्टेसिंग के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर सबसे पहले आदिवासी समाज की महान विभूतियों भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो-कान्हू चांद-भैरव, नीलाम्बर-पीताम्बर और शहीद वीर बुद्ध भगत समेत शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में जनजातीय समुदाय का बड़ा योगदान रहा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से पहले संथाल विद्रोह, हूल विद्रोह समेत अन्य आंदोलन और बाद में टाना भगत समुदाय के लोग अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए आगे आये। उरांव ने कहा कि आजादी के बाद देश का संविधान बना, संविधान में आदिवासी समाज के हित और अधिकार की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाये गये।
कांग्रेस ने सीएनटी-एसपीटी कानून को मजबूत करने का काम किया, लेकिन भाजपा सरकार ने जल-जंगल और जमीन को छीनने की कोशिश की। वर्ष 2013 में जमीन की रक्षा को लेकर बनाये गये कानून में छेड़छाड़ की कोशिश की गयी लेकिन कांग्रेस पार्टी के प्रयास से उनकी यह कोशिश सफल नहीं हुआ। लोगों को अपने हक और अधिकार की रक्षा को लेकर अब और सतर्क रहने की जरूरत है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की रक्षा को लेकर कानून बनाया गया, जनजातीय समुदाय के विकास के लिए ईमानदार कोशिश की गयी। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार समाज के सभी वर्गां के हित के लिए काम किया जा रहा है। कार्यक्रम को पार्टी के कई नेताओं ने भी संबोधित किया।