कानपुर। कानपुर कांड के आरोपी अब पुलिस के डर से एक एक करके सरेंडर करने में लगे हैं। शनिवार को ही एक पचास हजार के ईनामी उमाकांत शुक्ला उर्फ बउआ उर्फ गुड्डन ने थाने में जाकर सरेंडर किया है। सरेंडर के बाद उमाकांत ने कई मामलों बड़े खुलासे किए हैं। उसका कहना है कि विकास दुबे अपनी दहशत कायम रखने को हैवानियत की किसी भी हद को पार करने को तैयार रहता था।
उमाकांत के मुताबिक, उस का घर उस शौचालय के सामने है जहां पर पांच सिपाहियों के शव रखे गए थे। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह प्रवीन की छत पर बंदूक के साथ मौजूद था। सिपाहियों को खोज खोजकर मारा गया था। उसके बाद उनके शवों को घसीटकर शौचालय में एक के ऊपर एक रखा गया। जिसके बाद विकास दुबे ने मिट्टी के तेल का पीपा मंगा लिया था। वह सिपाहियों के शव को जला देना चाहता था। मगर कुछ साथियों ने उसे रोक लिया था।
उमाकांत विकास दुबे का ट्रैक्टर चलाता था। सीजन में जब उसका काम खत्म हो जाता था तो वह छोटी मोटी नौकरी करके अपना परिवार पालता था। वर्तमान में वह एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। जहां पर विकास दुबे ने ही उसकी नौकरी लगवाई थी। उमाकांत ने बताया कि वह पहले विकास दुबे के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहता था। उसने पुलिस से कहा कि बहुत साल पहले उसका झगड़ा अपने भाई से हुआ। वह पुलिस तक बात नहीं ले जाना चाहता था। उसके बाद विकास दुबे ने उसकी बेटी से चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद मजबूरन उसे विकास के संरक्षण में जाना पड़ा।
उमाकांत के सिर पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। उमाकांत थाने में जब सरेंडर करने पहुंचा तो उनकी पत्नी और बच्चे भी साथ थे। उमाकांत उन 21 वांछित लोगों में शुमार था, जिनकी पुलिस बिकरू हत्याकांड के बाद से तलाश कर रही थी। उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से कहा मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन है। कानपुर कांड में मैं विकास दुबे के साथ शामिल था। मुझे पकड़ने के लिए रोज पुलिस छापेमारी कर रही है, जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। हम लोगों द्वारा जो घटना की गई थी, उसकी हमें बहुत आत्मग्लानि है। मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए, मुझ पर रहम किया जाए।