अयोध्या। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन पांच अगस्त को होगा लेकिन पूजा का कार्यक्रम आज से ही शुरू हो गया है। समूची अयोध्या रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है। भूमिपूजन शुरू हो चुका है। सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही हैं। दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृष्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं। पूरे अयोध्या को पीले रंग में रंग दिया गया है। साकेत कॉलेज से भूमि पूलन स्थल तक हर घर ओर दुकानों का रंग पीला किया गया है।
यहां तक कि बिजली के पोल भी पीले नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे और कोरोना के संक्रमण को देखते हुए हनुमानगढ़ी मंदिर को आज भी सैनेटाइज किया गया। मोदी भूमिपूजन के पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन करेंगे। उनके दौरे को देखते हुए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। पांच अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा।
पूरे कार्यक्रम में काशी, अयोध्या, दिल्ली, प्रयाग के विद्वानों को बुलाया है। अलग-अलग पूजा के अलग-अलग विद्वान हैं। पूरी टीम 21 ब्राह्मणों की है जो अलग-अलग तरीकों से पूजा कराएगी। यह एक वक्त में नहीं होगी बल्कि अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग ब्राह्मण पूजा कराएंगे।
आज से शुरू हुई तीन दिवसीय राम मंदिर भूमि पूजन अनुष्ठान में हनुमानगढ़ी का भी एक कार्यक्रम ट्रस्ट की ओर से जोड़ा गया है।
यहां हनुमान जी से सर्व कार्य सिद्धार्थ उनके निशान की पूजा मंगलवार को होगी, इसमें ट्रस्ट के सदस्य हिस्सा लेंगे। मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी अयोध्या के अधिष्ठाता हैं, इसलिए उनके निशान की पूजन के साथ ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। यह आयोजन 4 अगस्त को सुबह 8 बजे होगा।
राम मंदिर के भूमिपूजन से पहले अयोध्या में रविवार से सैनिटाइजेशन का काम हो रहा है। रामलला के एक सहायक पुजारी समेत परिसर की सुरक्षा में तैनात डेढ़ दर्जन जवान पॉजिटिव आ चुके हैं। इस काम में उत्तर प्रदेश फायर सर्विस की मदद ली जा रही है। लखनऊ से आधा दर्जन टीमें भी आ चुकी हैं। अयोध्या में आज शाम से दीपोत्सव की तैयारी है।
यहां दीवाली जैसा माहौल बनाया जाएगा, इस दौरान प्रशासन की अपील पर रामनगरी के खास 25 स्थानों पर तैयारी की है, जबकि व्यापारी व समाजसेवी संगठनों ने सभी तिराहे-चौराहों पर दीपोत्सव की तैयारी के साथ लाइटिंग भी की है। शहर में लाखों दिए जलाए जाएंगे। वहीं आम लोग भी अपने घरों के बाहर दिए जलाएंगे। श्रीरामजन्मभूमि में सजावट से लेकर खास दीपोत्सव की तैयारी अवध विवि की छात्राओं के जिम्मे हैं। रामलला के मंदिर के साथ तबाह हुए दर्जनभर मंदिरों को भी ट्रस्ट ने सजाने की जिम्मेदारी ली है।
रामनगरी में लोगों को तीन दिन तक अपने घरों व मठ-मंदिरों में रहकर पूजन करने की अपील की गई है। उन्हें भूमिपूजन के हर कार्यक्रम को लाइव दिखाने-सुनाने के लिए तीन हजार लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। जिन्हें सोमवार से श्रीरामजन्मभूमि के अनुष्ठान से जोड़ दिया गया है। इसके पहले इनके जरिए 25 स्थलों से भजन, सुंदरकांड आदि का प्रसारण किया जा रहा है।
सुबह से लेकर रात 10 बजे तक भजनों के सुमधुर स्वर राम-राम जै राजा राम... तो कहीं ठुमक चलत रामचंद्र..आदि से लोग काफी खुश हैं। प्रशासन ने भी 20 स्थानों पर एलईडी के जरिए लाइव प्रसारण की तैयारी की है। राम जन्मभूमि के गर्भ ग्रह पर मंदिर निर्माण को लेकर सोमवार को तीन दिवसीय अनुष्ठान शुरू हुआ। वैदिक आचार्यों ने गणपति पूजा के साथ सुबह 8 बजे पूजन के शुरुआत की।