नई दिल्ली। बकरीद को लेकर बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बयान को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है। बता दें कि हाल ही में गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बकरीद को लेकर था कि इस साल कोई भी कुर्बानी न दें और अगर कुर्बानी देनी ही है तो बकरों की नहीं अपने बच्चों की दें। जब विधायक ने इस बयान पर चारों और हंगामा मचने लगा तो उन्होंने अपने बयान पे पलटी मार ली और अपने बयान पर सफाई दे डाली।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में नंदकिशोर ने कहा - मेरी बात को सही तरह से दिखाया नहीं गया है। मैंने सिर्फ लोनी के संबंध में बयान दिया था, जिसे लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने भी मेरा समर्थन किया था। पढ़ा-लिखा मुसलमान कुर्बानी के बजाय बकरे की कीमत निकालकर गरीबों को दे दें, मैंने अपने पूरे बयान में यही कहा था। मैंने बच्चों की कुर्बानी देने की बात नहीं की।
उन्होंने आगे कहा कि अपने बच्चों की कुर्बानी कोई नहीं देता है, सभी को अपना बच्चा प्रिय होता है। मैं हिंदू और मुसलमान दोनों का नेता हूं। मैंने लोनी को लेकर बयान दिया था। मैं लोनी को दिल्ली का मरकज़ नहीं बना सकता हूं। मैं सिर्फ यही जानता हूं कि लोनी की स्थिति देश से अलग है। इसलिए मैं यहां सड़क पर मांस फैलने नहीं दे सकता हूं। जान से बड़ा कोई धर्म नहीं है, इसलिए लोनी में कुर्बानी नहीं होने दे सकता।
बता दें कि पहले नंदकिशोर ने कहा था कि कोरोना को देखते हुए इस साल कुर्बानी न दें। और अगर कुर्बानी देनी ही है तो बकरों की नहीं अपने बच्चों की दें। इसके साथ ही उन्होंने कुर्बानी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
उन्होंने कहा था, 'जिस तरह कोरोना को लेकर लोगों ने सरकार के नियमों का पालन किया और मस्जिद और मंदिरों में पूजा तक नहीं की। वैसे ही इस बार बकरीद पर कोई भी कुर्बानी ना दें, क्योंकि इससे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा है। पहले सनातन धर्म में भी बलि दी जाती थी। लेकिन अब सिर्फ नारियल फोड़ कर चढ़ाया जाता है। वैसे ही मुसलमान भी अब कुर्बानी ना दें। अगर कुर्बानी देनी ही है तो बकरों की नहीं अपने बच्चों की दें।