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भारत में 1 चौथाई उपभोक्ता ने लिया कोविड-19 / क्रिटिकल इलनेस राइडर प्लान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 16 2020 8:08PM | Updated Date: Jul 16 2020 8:12PM
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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण में हो रही तेज वृद्धि के बीच एक सर्वेक्षण से पता चला है कि देश में बीमा लेने वाले चार में से एक उपभोक्ता ने इसके चपेट में आने की आशंका में कोविड-19 / क्रिटिकल इलनेस राइडर प्लान लिया है। बीमा क्षेत्र की कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कोविड-19 के बीच कांतार के सहयोग से किए अपने  सर्वेक्षण ‘मैक्सलाइफ इंडिया प्रोटेक्शन क्वोशंट-एक्सप्रेस’ को जारी किया जिसमें यह खुलासा हुआ कि कोरोना वायरस के संक्रमण के डर के कारण हर चार में से एक बीमा उपभोक्ता ने कोविड-19 का राइडर प्लान लिया है।
 
इसमें कहा गया है कि सर्वेक्षण में भाग लेने वाले आधे लोग वित्तीय सुरक्षा के मामले में कम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कोविड-19 के दौरान बेरोजगारी और रोजÞाना का चिकित्सा खर्च चिंता का प्रमुख कारण है। 41 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार में वृद्धि के कारण वे टर्म प्लान खरीदेंगे। महानगर में रहने वाले लोग अधिक चिंतित दिखे। इसमें शामिल 64 प्रतिशत के लिए नौकरी की सुरक्षा / व्यापारिक स्थिरता अब चिंता का विषय है।
 
सर्वे में खुलासा हुआ कि कोविड-19 के कारण प्रतिभागी उनकी रोजÞगार सुरक्षा और आजीविका कमाने वाले की अनुपस्थिति में परिवार की वित्तीय सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। डिजिटल तौर पर दक्ष शहरी प्रतिभागियों में से 66 प्रतिशत के लिए मौजूदा कारोबार, रोजÞगार सुरक्षा और? स्थिर आय चिंता की मुख्य वजहें हैं जबकि आजीविका कमाने वाले की अनुपस्थिति में परिवार की वित्तीय सुरक्षा को लेकर भी चिंता का स्तर 66 प्रतिशत पाया गया है।
 
करीब 65 प्रतिशत  प्रतिभागियों के लिए कोविड—19 के मामले बढ़ने के ?बीच दैनिक मेडिकल खर्च बेचैनी की सबसे बड़ी वजह है। डिजिटल तौर पर बेहद दक्ष और विकसित वर्ग भी कोविड-19 के बीच खुद को कम सुरक्षित महसूस करते हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 51 प्रतिशत प्रतिभागी मौजूदा अनिश्चित परिस्थितियों में वित्तीय सुरक्षा को लेकर बहुत सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
 
यह आंकड़ा टियर एक शहरों के लिए सर्वाधिक है जिनमें 55प्रतिशत प्रतिभागी ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं जबकि टियर 2 शहरों के लिए यह आंकड़ा 52 प्रतिशत रहा है। महानगरों के लिए यह आंकड़ा सबसे कम 46 प्रतिशत रहा है। इस सर्वेक्षण में 1864 लोग शामिल हुये जिसमें 6 महानगरों, 9 टियर 1 एवं 10 टियर 2 शहरों के लोग शामिल थे। 
 
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