रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम(सीजीएफएस) के तहत जारी राशनकार्डों (एपीएल श्रेणी को छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम(एनएफएसए) के राशनकार्ड के समान ही पांच किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह नवंबर तक नि:शुल्क वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस संबंध में प्रति व्यक्ति/कार्ड, प्रतिमाह कुल खाद्यान्न की अधिकतम पात्रता सीजीएफएस और एनएफएसए के तहत जारी किए गए खाद्यान्न की अधिकतम पात्रता के बराबर होगी। बैठक में छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी राशनकार्डो (एपीएल कार्डो का छोड़कर) पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्डो के समान ही एक किलो चना प्रति कार्ड प्रतिमाह जुलाई से नवंबर तक नि:शुल्क वितरण करने का निर्णय लिया गया।बैठक में राज्य के सीधी भर्ती के समस्त पदों पर 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में नियुक्त किए जाने का तथा ‘‘इन्द्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण‘‘ के गठन का भी निर्णय लिया गया।
बैठक में वन विभाग में निर्माण संबंधित कार्य खुली निविदा द्वारा ठेका पद्धति से कराने, छत्तीसगढ़ राज्य विधि आयोग को आगे जारी नही रखने,अशासकीय संस्था रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर के नैमित्तिक एवं आकस्मिक स्थापना के कर्मचारियों के नियमितीकरण की अनुमति भी प्रदान की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष के पद पर टामन सिंह सोनवानी की नियुक्ति का भी अनुमोदन किया गया।
मंत्रि परिषद ने संस्कृति विभाग के अंतर्गत संचालित सभी इकाइयों को एकरूप करने ‘‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद‘‘ के गठन का भी अनुमोदन कर दिया। मुख्यमंत्री इस परिषद के अध्यक्ष और संस्कृति मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा राज्य के साहित्य और कला जगत से संबंधित व्यक्ति, छत्तीसगढ़ विधानसभा के निर्वाचित सदस्य,संसद में छत्तीसगढ़ से निर्वाचित सदस्य, अशासकीय सदस्यों (प्रभागों के निदेशक और अध्यक्ष) का मनोनयन शासन द्वारा किया जाएगा।
बैठक में राज्य की औद्योगिक निधि 2019-24 में राज्य में बायो-एथेनाल उत्पाद इकाईयों की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में स्थापना को विशेष प्रोत्साहन पैकेज में अनुमति दिए जाने का निर्णय लिया गया।इसके साथ ही छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमि. (सीएसआईडीसी) द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु आपसी सहमति से निजी भूमि क्रय की नीति का भी अनुमोदन किया गया।