कानपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने रविवार को कानपुर पहुंच कर दुर्दांत हत्यारे और उसके साथियों द्वारा किये गये कारनामों की पड़ताल शुरू कर दी। एसआईटी के सदस्य हल्की बारिश के बीच सुबह यहां पहुंचे और चौबेपुर के बिकरू गांव पहुंचे जहां टीम ने गैंगस्टर विकास दुबे के ढहाये गये आवास का कोना कोना देखा। वे पड़ोस में स्थित विकास के मामा के घर भी गये जहां कोतवाल देवेन्द्र मिश्र की विकास और उसके साथियों ने नृशंस हत्या कर दी थी। टीम के सदस्यों ने उस स्थान का भी बारीकी से निरीक्षण किया जहां विकास ने एक के ऊपर एक पांच पुलिसकर्मियों के शवों को रख दिया था।
एसआईटी के सदस्यों ने स्थानीय ग्रामीणों से अलग अलग बात कर घटना की रात की सच्चाई जानने की कोशिश की। इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव तिवारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी भी मौजूद थे जो एसआईटी की टीम के आने की सूचना के बाद यहां पहुंचे थे। एसआईटी की टीम बाद में शिवली थाने पहुंची जहां पर दर्ज मुकदमों के बारे में जानकारी एकत्र की।
टीम की अध्यक्षता कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कानपुर देहात के शिवली थाने में भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड समेत विकास के खिलाफ दर्ज मुकदमों की फाइलों का गहन अध्ययन किया और फिर जांच अधिकारियों से बातचीत भी की। इस दौरान एसआईटी ने चर्चित हत्याकांड सिद्धेश्वर पांडे के मामले में रहेगा गवाह से बंद कमरे में बातचीत की और बमबाजी पीड़ति पक्ष लल्लन बाजपेई से भी देर तक घटना को लेकर जानकारी ली। लल्लन बाजपेई से बातचीत करते हुए एसआईटी ने पूर्व मंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड के बारे में भी कुछ सवाल किए हैं। दोनों से बातचीत करने के बाद एसआईटी ने थाने का भी निरीक्षण किया और फिर वहां से लौटकर दोबारा बिकरू गांव पहुंच गए।