नई दिल्ली। केंद्रीय मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को कोयला मजदूर हडताल का समर्थन और निजीकरण का विरोध करते हुए देशभर में धरना-प्रदर्शन किए तथा सरकार को ज्ञापन सौंपे। राष्ट्रीय राजधानी में मजदूर संगठनों ने श्रम शक्ति भवन पर धरना-प्रदर्शन किया और केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर मंत्रालय में सचिव तथा केंद्रीय मजदूर संगठनों के वरिष्ठ नेताओं सहित भारी संख्या में श्रमिक भी शाम थे। ज्ञापन में कोयला खदानों के निजीकरण का विरोध करते हुए कहा गया कि सरकार को प्रकृतिक संपदा का निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया बंद कर देनी चाहिए देश के प्राकृतिक संसाधनों को बड़े उद्योग घरानों को लूटने की छूट नहीं देनी चाहिए।
स्वास्थ्य और अन्य जरूरी सेवाओं में लगे सभी कर्मचारियों को पीपीई उपलब्ध कराने की मांग करते हुये मजदूर संगठनों ने कहा कि कोयला खदानों का निजीकरण तुरंत वापस होना चाहिए। रेलवे, कोल, भेल, सेल, दूरसंचार, रक्षा , बीमा समेत सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण बन्द किया जाना चाहिए।
इसके अलावा काम के घण्टे आठ से बढ़ाकर 12 करने का आदेश वापस लेना चाहिए और प्रवासी मजदूरों के वेतन और रोजगार की गारंटी देनी चाहिए। सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए। कोयला खदानों के निजीकरण के विरोध में कोयला मजदूरों की तीन दिन की हड़ताल का आज दूसरा दिन था।