नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों के बेतहाशा गति से बढने के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति से निपटने के उपायों पर आज फिर एक उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा की। साथ ही बैठक में डा विनोद पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट भी पेश की गयी। गृह मंत्री ने दिल्ली सरकार से इस समिति की रिपोर्ट में की गयी सिफारिशों को लागू करने को कहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की पुष्टि होने पर सभी व्यक्तियों को पहले कोविड सेंटर जाना होगा और जिन लोगों के घरों में उपयुक्त व्यवस्था है और जो किसी अन्य जटिल बीमारी से ग्रस्त नहीं है, उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है।
साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि कंटेनमेंट जोन का नये सिरे से परिसीमन किया जायेगा और इनकी सीमा पर और इनके अंदर की गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी और नियंत्रण रखा जायेगा। साथ ही सभी संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वालों का पता लगाया जायेगा और उन्हें क्वारंटाइन किया जायेगा। इसमें आरोग्य सेतु और इतिहास ऐप का सम्मिलित उपयोग किया जाना चाहिए। यह भी कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर भी प्रत्येक घर का सूचीकरण और निगरानी की जाये जिससे राजधानी दिल्ली के बारे में समग्र सूचना मिल सके।
यह भी सूचित किया गया कि संपूर्ण दिल्ली में एक 27 जून से सिरोलोजिकल सर्वे शुरू किया जायेगा जो 10 जुलाई तक पूरा करना होगा। इसमें 20,000 लोगों की जांच होगी। इसके द्वारा, दिल्ली में संक्रमण के फैलाव का समग्र आंकलन हो सकेगा, और एक व्यापक रणनीति निर्धारित की जा सकेगी। समिति की सिफारिशों में समूची दिल्ली के प्रत्येक जिले को एक बड़े अस्पताल के साथ संबंद्ध किया जाएगा जो उस क्षेत्र में उपयुक्त सहायता प्रदान कर सके।
रिपोर्ट में इन सभी गतिविधियों के लिए एक समय सारिणी का उल्लेख किया गया है जिसमें दिल्ली सरकार सोमवार तक एक योजना निर्धारित करेगी और मंगलवार तक जिला स्तरीय टीमों का गठन कर 26 जून तक सभी कंटेनमेंट जोन का संसोधित परिसीमन करेगी। तीस जून तक कंटेनमेंट जोनों का शत-प्रतिशत सर्वेक्षण किया जायेगा और छह जुलाई तक शेष दिल्ली का भी वृहद पैमाने पर सर्वेक्षण किया जायेगा। गृहमंत्री ने निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार हर मृतक के संबंध में आंकलन करे कि वह कितने दिन पहले अस्पताल पहुँचा, और उसको कहॉं से लाया गया।
यदि वह होम आइसोलेशन में था, तो उसे सही समय पर लाया गया या नहीं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक मृत्यु की जानकारी केन्द्र सरकार को दी जायेगी। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि सभी संक्रमित व्यक्तियों को पहले कोविड सेंटर जाना होगा, और जिन लोगों के घरों में उपयुक्त व्यवस्था है और जो किसी अन्य जटिल बीमारी से ग्रस्त नहीं है, उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। केन्द्र को यह भी बताना होगा कि कितने लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है।
गृहमंत्री ने दिल्ली सरकार को कंटेनमेंट जोन के संसोधित परिसीमन के लिए तकनीकी सहायता लेने की सलाह भी दी। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री और डॉ. पॉल सहित केंद्रीय गृह और स्वास्थ्य सचिव और दिल्ली के मुख्य सचिव उपस्थित थे।