नई दिल्ली। देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब एक साथ तीन पड़ोसी देशों के साथ सैन्य तनाव चल रहा है। पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर लगातार स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और तीन महीनों से अकारण ही पाकिस्तान की तरफ से किसी न किसी सेक्टर में गोलीबारी की जा रही है। चीन के साथ लाइन ऑफ ऐक्चुल कंट्रोल पर जारी विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ बड़ा बैठक की।
इस हाई लेवल बैठक में लद्दाख की स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान रक्षा मंत्री ने सेना को चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक सशस्त्र बलों को एलएसी पर चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से किए गए किसी भी आक्रामक व्यवहार से निपटने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई। इसके अलावा बैठक में सुरक्षाबलों से थल,जल और नभ में चीन की हर हरकत पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिन की रूस यात्रा पर रवाना होंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री मॉस्को में द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत विजय की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित सैन्य परेड में शिरकत करेंगे। यह परेड मूल रूप से नौ मई को होनी थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।राजनाथ सिंह का रूस यह दौरा भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच काफी अहम माना जा रहा है।
पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं, इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। चीन कै सैन्य यूनिट के कमांडिग अफसर समेत 40 सैनिकों को भारतीय जवनों ने ढ़ेर कर दिया था। यह पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में दोनों देशों के बीच हुआ सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। इसके कारण दोनों देशों के बीच सीमा पर पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है।