नई दिल्ली। इस समय कोरोना वायरस का कहर अपने चरम पर पहुंच चुका है। अभी भारत में संक्रमितों का आंकड़ा डेढ़ लाख के पार पहुंच चुका है। सरकार ने इस वायरस पर अंकुश लगाने की दिशा में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया हुआ है। बहरहाल अब कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है, मगर इस बीच कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, अब उत्तर प्रदेश के जिला संतकबीरनगर में स्वास्थ्यकर्मी सहित अन्य पुलिसकर्मी कितनी संजीदगी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। इसकी पोल खुलकर सामने आई है।
दरअसल, हुआ यूं था कि पुलिस ने एक पिता को फोन कर यह जानकारी दी कि कोरोना से संक्रमित उनके बेटे की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। लिहाजा वे सुबह अंत्योष्टि स्थल पर पहुंच जाए। यह खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया है। एक तरफ जहां पिता को अपने बेटे के जाने का गम सता रहा था, तो वहीं पूरे परिवार में कोहराम का आलम था। पिता ने रोते बिलखते हुए कहा कि अभी रात में ही तो बेटे से बात हुई थी। इसके बाद पिता अपने दूसरे बेटे के साथ अंत्योष्टि स्थल पर पहुंचा।
जिसके बाद कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए जैसे ही पिता अपने बेटे को मुखग्नि देने के लिए आगे बढ़ा तो..हालांकि, पहले तो एक पल के लिए जरूर पिता को उस शव के आकार को देख कमोबेश संदेह हुआ। इसके बाद पिता ने स्वास्थ्यकर्मियों से चेहरा दिखाने को कहा, मगर जैसे ही पिता की नजर बेटे के चेहरे पर पड़ी तो पिता सहित वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी और पुलिकर्मी के होश उड़ गए, क्योकि यह उस पिता के बेटे का शव नहीं था बल्कि यह शव तो धर्मसिंहवां थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक का था।