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मोदी ने देश के विकास को फिर से पटरी पर लाने के लिए बताये ये पांच फार्मूले...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 2 2020 1:52PM | Updated Date: Jun 2 2020 1:55PM
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई (कन्फेडेरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री) के सालाना सेशन को संबोधित किया। 1 जून 2020 से अनलॉक 1 शुरू होने के बाद अर्थव्यवस्था के मुद्दे से जुड़ी मोदी की ये पहली स्पीच है। मोदी ने बताए फॉर्मूले 1. कोरोना से हुए नुक़सान से उबरेंगे- इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि हर मुश्किल से बाहर निकल सकता है। कोरोना वायरस ने देश के सामने नई चुनौतियां पेश की. हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन भी बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टैबिलाइज़ करना है और आगे बढ़ाना है!
 
हम विकास की राह पर वापिस लौटेंगे और ज़रूर लौटेंगे मुझे भारत की क्राइसिस मैनेजनमेंट पर भरोसा है मुझे भारत के टैलेंट और तकनीक, इनोवेशन और इन्टेलेक्ट, किसानों और एमएसएमई और इंडस्ट्री के लीडर पर पूरा भरोसा है. इन सबके सहारे मैं आपसे कह सकता हूं 'वी विल गेट आवर ग्रोथ बैक कोरोना ने हमारी गति जितनी भी धीनी भी की हो आज यही सच्चाई है कि हम लॉकडाउन को पीछे छोड़ कर अनलॉक फेज़
 
1 में प्रवेश कर चुके हैं देश की अर्थव्यवस्था का एक बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है और काफी हिस्सा 8 जून के बाद अभी खुलेगा.
एक प्रकार से गेटिंग ग्रोथ बैक की शुरूआत तो हो चुकी है कोरोना जब अपने पैर फैला रहा था तब भारत ने इससे लड़ने के लिए सही समय पर सही कदम उठाए. इस कारण लॉकडाउन का भारत का व्यापक प्रभाव रहा है. लेकिन इसके आगे क्या होगा इसे लेकर सभी सोच रहे होंगे!
 
2. आत्मनिर्भर भारत ही आगे का रास्ता- आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में आपके मन में भी मंथन चल रहा होगा आपके सवाल भी होंगे जो स्वाभाविक है कोरोना के ख़िलाफ़ अर्थव्यवस्था को फिर मज़बूत करना हमारी सबसे अहम प्राथमिकताओं में से अहम प्राथमिकता हैं!
भारत को तेज़ विकास के पथ पर लाने के लिए और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो पांच बातें बेहद अहम हैं वो हैं - (1) इन्टेन्ट (2) इन्क्लूशन (3) इन्वेस्टमेंट (3) इन्फ्रास्ट्रक्चर, और (5) इनोवेशन
 
जो बड़े फै़सले लिए गए हैं उनके साथ तमाम सेक्टर को सरकार ने फ्यूचर रेडी किया है हमारे लिए आर्थिक सुधार रेंडम फ़ैसले नहीं हैं बल्कि योजनाबद्ध, इंटरकनेक्टेड और फ्यूचरिस्टिक फ़ैसले हैं. आर्थिक सुधार का मतलब हमारे लिए फै़सले लेने का साहस करना और उन्हें लॉजिकल कन्क्लूजन तक ले जाना. बैंक मर्जर हो, जीएसटी हो, इनकम टैक्स ऐसेसनमेन्ट की व्यवस्था - व्यवस्थाओं में सरकार के दखल को हम जितना हो सके कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
 
3. किसान और श्रमिक प्राथमिकता- किसानों को पहले बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था. उनके साथ हुए अन्याय को दूर करने की इच्छाशक्ति सरकार ने दिखाई है किसान अब जिसे चाहे, जब चाहे और जहां चाहे अपनी फ़सल अपनी शर्तों पर बेच सकता है वो देश के किसी भी राज्य में अपनी फसल बेच सकता है वेयरहाउसेस में रखे अनाज या खेती के उत्पाद इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग के ज़रिए बेचे जा सकते हैं. एग्रीबिज़नेस के लिए नए रास्ते खुलेंगे! कोयला ओर माइनिंग सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोला गया है रणनीतिक तौर पर अहम सेक्टर में भी निजी कंपनियों को मौके दिए जा रहे हैं। 
 
4. दुनिया के साथ कदम मिला कर चलना- एमएसएमई को परिभाषित करने की मांग हो रही थी और इस दिशा में भी काम हुआ है. एमएसएमई में काम करने वालों को इसके लिए 200 करोड़ तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर को ख़त्म कर दिया गया है. आत्मनिर्भर भारत पैकेज एमएसएमई के लिए ईंधन का काम करेगा आज की ग्लोबल स्थति को देखना और समझना ज़रूरी है. दुनिया के देश पहले की तुलना में एक दूसरे का साथ अधिक चाहते हैं।लेकिन इसके साथ ये चिंता भी चल रही है कि पुरानी सोच, पुरानी नीतियां क्या आज कारगर होगी ऐसे समय में भारत से दुनिया की उम्मीदें बढ़ी हैं कोरोना के संकट में किसी देश के लिए दूसरे की मदद करना मुश्किल हो रहा था तब भारत ने 150 से ज़्यादा देशों को मेडिकल सप्लाई बेचकर उनके लिए मानवीय मदद का काम किया है।
 
5. मेड इन इंडिया हो और मेड फॉर द वर्ल्ड- सीआईआई की ज़िम्मेदारी है कि मेक इन इंडिया के साथ ट्रस्ट, क्वालिटी और कंपीटीटिवनेस तीनों जुड़ा हो आप एक कदम आगे बढ़ाएंगे तो सरकार चार कदम आपके लिए आगे बढ़ाएगी मैं प्रधानमंत्री के तौर पर आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं मैं कहना चाहता हूं कि मैं आपके साथ खड़ा हूं अब भारतीय इंडस्ट्री के पास आत्मनिर्भर भारत का स्पष्ट रास्ता है. इसका मतलब है कि हम और मज़बूत हो कर दुनिया का स्वागत करें लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि रणनीतिक तौर पर अहम मामलों में किस पर निर्भर रहें हम ये स्थिति नहीं चाहते ये लोगों के लिए रोज़गार बढ़ाने, ये अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने के लिए लोगों के सामने लागे और मज़बूत लोकल सप्लाई चेन बनाने में हिस्सादारी करनी है।
 
सीआईआई को पोस्ट-कोरोना नई भूमिका में आगे आना है डोमेस्टिक इंडस्ट्री की रिकवरी को फेसिलिटेट करना है नेक्स्ट लेवल ग्रोथ को सपोर्ट कराना है अपने मार्केट को विश्व में बढ़ाना है। अब ज़रूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्ट बनें जो मेड इन इंडिया हो और मेड फॉर द वर्ल्ड हो देश का आयात कम करने के लिए और कैसे आयात के लक्ष्य कम करने हैं उस पर हमें विचार करने की ज़रूरत है। हमारी सरकार प्राइवेट सेक्टर को विकास का अहम साथी मानती है। आपसे गुज़ारिश है कि हर सेक्टर की एक स्टडी लेकर आए ताकि हम ढ़ाचागत सुधार करने के लिए मिल कर काम कर सकें। 
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