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सरकार बताये की पिछले वर्षों में साइन किए गए एमओयू का क्या हुआ : मायावती

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 31 2020 12:17PM | Updated Date: May 31 2020 12:17PM
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने श्रमिको को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिये जाने की वकालत करते हुए कहा एमओयू केवल जनता को वरगलाने व फोटो के लिए नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पिछले वर्षो साइन किये गय एमओयू का क्या हुआ है। शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक जोन (विशेष आर्थिक क्षेत्र) जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन के लिये सुनिश्चित किया जाए। इससे बंद हो चुके छोटे व मझोले उद्योग, पीड़ति श्रमिक वर्ग को मदद मिलेगी वही भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जायेगा।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी व बदहाली में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जरूरी प्रभावी मदद पहुँचाने के बजाय उत्तर प्रदेश में एमओयू हस्ताक्षर व घोषणाओं आदि द्वारा छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यह अति-दु:खद। जनहित के ठोस उपायों के बिना समस्या और विकराल बन जाएगी। मायावती ने रविवार को ट्वीटकर कहा ‘‘अच्छा होता सरकार नया एमओयू करने व फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेकों एमओयू का क्या हुआ? एमओयू केवल जनता को वरगलाने व फोटो के लिए नहीं हो तो बेहतर है क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है।

उन्होंने कहा कि चीन छोड़कर भारती आने वाली कंपनियों की पतीक्षा करने की बजाए हमें मूलभूत सुविधाओं में सुधार करके अपने बूते पर आत्मनिर्भर बनने के प्रयास शुरू करने चाहिये। श्रमिको को उनके कार्यस्थल में रहने की व्यवस्था की जाय। मायावती ने कहा ‘‘चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र व यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए क्योंकि शेनजेन इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की फ्री आधारभूत सुविधा व श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहाँ कहाँ है।

 
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