कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद से ही लॉकडाउन 5 को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। अब राज्य सरकारें सिर्फ कंटेनमेंट जोन में ही प्रतिबंध लगाना चाहती हैं। अगर अब केंद्र से मंजूरी मिल जाती है तो राज्य सरकारें ज्यादा बाजार खोलने, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ धार्मिक जगहों को खोलने, एक राज्य से दूसरे राज्य तक परिवहन सुविधा को और सुगम बनाने जैसे फैसले लेने पर विचार कर सकती हैं। अब सरकारें स्कूलों को भी फिर से खोलना चाहती है।
लॉकडाउन 4 में भी सरकार ने कई छूट राज्य सरकारों को दी थी। इस दौरान बहुत से राज्यों ने अपने क्षेत्र में निजी परिवहन को फिर से शुरू किया। इसके अलावा मॉल्स, जिम, मंदिर स्कूल आदि को छोड़ कर सभी व्यवसायों को फिर से शुरू करने की अनुमति भी राज्य सरकारों ने दी। जम्मू और कश्मीर में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां, स्कूल, कॉलेज और जिम को छोड़कर, बाकी सभी चीजों की अनुमति दी जा सकती है। वही प्रवासियों को 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि उनसे कई धार्मिक नेताओं ने मंदिर, चर्च और मस्जिद खोलने की अनुमति देने के लिए कहा है। टेलीविजन और फिल्म निर्माण इकाइयों ने भी सरकार से फिर से काम शुरू करने की अनुमति मांगी है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि एक जून से फिल्मों और टेलीविजन क्षेत्रों की शूटिंग की अनुमति दी जाएगी। सिनेमा थिएटर, फंक्शन हॉल, पूजा स्थल और सार्वजनिक सभा के अन्य क्षेत्रों के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। कर्नाटक ने केंद्र सरकार से कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी जाए। झारखंड और महाराष्ट्र का भी यही कहना है। ओडिशा में प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ ही कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखी गई है। इसलिए कुछ नियमों का यहाँ अभी भी कड़ाई से पालन किया जाएगा। छूट दिया जाने की संभावना भी कम ही है।