नई दिल्ली। LPG सिलेंडर के मोर्चे पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। साथ ही उपभोक्ताओं को भी खुशी मिल रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों और गैस की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट के कारण ऐसा हुआ है। सरकार को इतनी सस्ती एलपीजी मिल रही है कि उसे अब घरेलू बाजार में अपने उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी पर मई महीने के दौरान कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ रहा है। यानी अब LPG सिलेंडर सब्सिडी शून्य पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं, इसी महीने सरकार सब्सिडी देने के बाद भी एक सिलेंडर पर 120 रुपए की कमाई शुरू कर देगी। यह सब इसलिए हो सका है क्योंकि सरकार ने पिछले कुछ महीनों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए गैर-सब्सिडी सिलेंडर पर अच्छे खासे दाम बढ़ाकर रखे थे।
यानी एक तरफ तो सरकार ने दाम बढ़ाए थे और दूसरी तरह उसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार से सस्ते दाम में गैस मिल रही है। सब्सिडी शून्य हो गई और सरकार की पौ बारह। मालूम हो, जनवरी 2015 में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की शुरुआत की गई थी। इसके तहत उपभोक्ता बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर एलपीजी सिलेंडरों की पूरी (बाजार) कीमत चुका रहे हैं। वहीं, सरकार सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खातों में जमा कराती है। पारदर्शी मूल्य निर्धारण के लिए यह व्यवस्था की गई थी।
इससे पहले तेल विपणन कंपनियां उपभोक्ताओं को लागत से कम कीमत पर सिलेंडर बेचती थीं और फिर सरकार उनके नुकसान की भरपाई करती थी। हालांकि सरकार ने व्यवस्था में बदलाव करते हुए अक्टूबर 2017 और जुलाई 2019 के बीच गैर-सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत को स्थिर कर दिया। इसकी वजह थी सरकार की पीएम उज्ज्वला योजना। सरकार ने गरीबों में रसोई गैस के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए 1,600 रुपए की नकद सहायता प्रदान की। इसका मतलब यह था कि एलपीजी सिलेंडर की पूरी कीमत वास्तव में लागत से भी कम थी।