नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जारी जंग को जीतने के लिए देश में लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन को खोलना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। शीर्ष स्तर पर लॉकडाउन खोलने के तौर-तरीकों पर गहराई से मंथन चल रहा है। सरकार इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने में जुटी है। सरकार अभी तक जिस नतीजे पर पहुंची है उससे यह तय माना जा रहा है कि देश में चरणबद्ध तरीके यानी अलग-अलग फेस में लॉकडाउन खत्म किया जाएगा।
लोगों को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती- लॉकडाउन को खत्म करने पर सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को नियंत्रित करने की होगी। मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन घोषित करने के बाद देश में करोड़ों की आबादी पूरी तरह घरों में कैद है। जैसे ही सरकार लॉकडाउन को खत्म करने का एलान करेगी वैसे ही भारी संख्या में लोग घरों से बाहर सड़कों पर निकल आएंगे जिससे फिर कोरोना के संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है।
केंद्र सरकार ने राज्यों से मांगी रिपोर्ट- मोदी लॉकडाउन को लेकर सबको विश्वास में लेना चाहते हैं और यही कारण है कि इसे लेकर वे खुद भी मुख्यमंत्रियों और दूसरे अन्य नेताओं से चर्चा कर रहे हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान पीएम ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन खत्म करने के तरीकों पर रिपोर्ट तैयार करके केंद्र को भेजने को कहा था। इस बाबत अंतिम फैसला लेने से पहले मोदी मुख्यमंत्रियों की राय भी जान लेना चाहते हैं और उसके बाद ही अंतिम फैसला लेना चाहते हैं।
प्रभावित इलाकों पर अलग फैसला संभव- लॉकडाउन को एक फेज में खोलने पर कुछ बंदिशें जारी रह सकती हैं। जिन इलाकों में कोरोना से प्रभावित केसों की संख्या ज्यादा है, वहां अलग फैसला किया जा सकता है। अन्य इलाकों से लॉकडाउन हटाने के बाद भी ऐसे इलाकों में लॉकडाउन जारी रह सकता है ताकि अन्य लोग कोरोना संक्रमण के शिकार ना हो पाएं।
भीड़ नहीं जुटने देना चाहती सरकार- यह भी माना जा रहा है कि सरकार लॉकडाउन खत्म करने के बाद भी कुछ ऐसे कदम उठाएगी ताकि एक स्थान पर लोगों की भीड़ ना इकट्ठा हो सके। ऐसे में यह तय है कि लॉकडाउन हटाने के बाद धारा 144 लगा दी जाएगी ताकि एक ही स्थान पर चार से ज्यादा लोग इकट्ठा ना हो सकें। इसका कारण यह है कि सरकार अभी भी काफी फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है ताकि देश में कोरोना संक्रमण के केसों की संख्या न बढ़ सके।
परिवहन सेवा शुरू होने के आसार नहीं- शीर्ष स्तर पर चल रहे हैं मंथन के मुताबिक लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी अभी विभिन्न राज्यों के बीच परिवहन सेवा शुरू नहीं हो पाएगी। अंतर राज्य परिवहन प्रणाली अभी बंद ही रहेगी। केवल विशेष स्थितियों में ही दूसरे राज्य में जाने की छूट मिल सकती है, लेकिन उसके लिए भी पहले कोरोना का टेस्ट कराना होगा। अचानक लॉकडाउन घोषित होने के बाद ऐसे तमाम लोग हैं जो अभी तक दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं और अपने राज्य को लौटना चाहते हैं। सरकार ऐसे लोगों को कोरोना टेस्ट कराने के बाद अपने राज्य में लौटने की इजाजत दे सकती है।
सरकारी दफ्तरों में ऐसे होगा काम- कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्य सरकारें भी काफी सतर्कता से फैसला ले रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकारी दफ्तरों में काम रोस्टर के आधार पर होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों से आगे की रणनीति को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इस सप्ताह के अंत तक लॉकडाउन हटाने के संबंध में राज्य सरकारों की रिपोर्ट केंद्र को मिलने की संभावना है। राज्य सरकारों के रिपोर्ट में लॉकडाउन को लेकर उनकी रणनीति का पता चल सकेगा।