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कोरोना का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर, दीर्घकालीन योजना पर...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 7 2020 6:21PM | Updated Date: Apr 7 2020 6:22PM
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शिमला। हिमाचल प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि कोरोना महामारी का बुरा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है और आने वाला समय गंभीर चुनौती पूर्ण हो सकता हैं, इसलिए केंद्र व राज्य सरकार को अभी से कोई ऐसी दीर्घकालीन कार्य योजना पर विचार व कार्य योजना शुरू कर देनी चाहिए।
 
सिंह ने आज यहां जारी बयान में कोरोना महामारी के प्रति लोगों को सचेत करते हुए उन्हें इसकी रोकथाम के लिए सरकार को पूरा सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में हम सब को मिल कर ही लड़ना होगा। हिमाचल प्रदेश एक छोटा राज्य है, जिसमें लोगों की आर्थिकी बागवानी, खेतीबाड़ी, पर्यटन से जुड़ा व्यवसाय होटल व छोटा मोटा कारोवार दुकानदारी आदि है। 
 
उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में लॉक डाऊन की वजह से सब कारोबार बहुत प्रभावित हो गया है। राज्य के लोगों की समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पूर्व सीएम ने कहा है कि टूरिज्म से जुड़ा व्यवसाय होटल कारोबारियों के साथ साथ अन्य छोटे दुकानदारों का जिन्होंने बैंकों से लोन आदि ले रखें है उनका इस समय का बैंक ब्याज माफ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि साथ ही इन लोगों को बिजली, पानी व अन्य टेक्स में भी छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि इन्हें ब्यवसाईक दर पर इसका मूल्य चुकाना पड़ता है।
 
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में किसानों, बागवानों को भी पूरी राहत दी जानी चाहिए। प्रदेश में मुख्य व्यवसाय बागवानी व खेतीबाड़ी ही है। लॉक डाऊन की बजह से किसान और न ही बागवान अपनी फसल की देख रेख कर सकें है। किसानों बागवानों को भी कोई विशेष आर्थिक पैकज दिया जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा है कि लॉक डाऊन की वजह से सबसे ज्यादा कामगार श्रमिकों के दैनिक जीवन पर असर पड़ा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से कहा है कि पीडीएस की व्यवस्था को सही ढंग से लागू कर गरीब लोगों को सस्ता राशन वितरित किया जाए। उन्होंने कहा है कि सब्जी उत्पादकों को विशेष सुविधा देते हुए इनकी सब्जियों को समय पर बाजार तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था की जानी चाहिए।
 
उन्होंने सासंदो के एक साल तक वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती के केंद्र के निर्णय को उचित ठहराते हुए सासंद निधि को जारी रखने का सुझाव दिया है क्योंकि सासंद निधि के बंद होने से सासंदो के अपने क्षेत्र में जारी विकास कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
 
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