लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौलवियों एवं मुस्लिम धार्मिक गुरुओं ने लोगों से शबे बरात के मौके पर कब्रिस्तान न जाने की अपील की है। मौलवियों एवं धर्मगुरुओं ने कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन को देखते हुए यह फैसला किया है। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड एवं यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने लोगों से अपने घरों में रहने एवं प्रियजनों की सलामती के लिए प्रार्थना करने की अपील की है।
यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने कहा, 'लॉकडाउन को देखते हुए बोर्ड ने नमाज के लिए अपनी मस्जिदों को पहले ही बंद कर चुका है। शबे बरात के मौके पर लोग कब्रिस्तानों में न जाएं, इसे सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने सभी लोगों को निर्देश दे दिया है।' रिजवी ने कहा कि कब्रिस्तान की देखभाल करने वाले लोगों को इस दिन कब्रगाह की सफाई और प्रत्येक कब्रगाह के ऊपर लैंप जलाने के लिए कहा गया है। शिया नेता इस दिन लोगों से अपने घरों में रहने और प्रार्थना करने की अपील की है।
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी शबे बरात के दिन लोगों से अपने घरों से बाहर न निकलने की अपील की है। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएम शोएब ने कहा, 'लॉकडाउन को देखते हुए हमने बोर्ड के सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे कब्रिस्तान में आने से लोगों को मना करें।' शोएब ने कहा कि लोगों को अपने घरों में प्रार्थना करनी चाहिए ताकि लॉकडाउन का उल्लंघन न हो।
इस्लामिक मान्यताओं के हिसाब से शबे बरात के दिन प्रार्थना करने पर अल्लाह सभी पापों को माफ कर देता है। शबे बरात को इस्लाम में इबादत के रात के तौर पर माना जाता है। यह इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 15 तारीख को आती है। बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश 21 दिनों के लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। इस लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होने वाली है।